महाराष्ट्र में मिलावट करनेवालों को होगा आजीवन कारावास
महाराष्ट्र सरकार मिलावट को गैर--जमानती और संज्ञेय अपराध बनाने जा रही है, जिसमें दोषी पाए जाने पर छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
मुंबई, ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार खाद्य पदार्थो में मिलावट को गैर--जमानती और संज्ञेय अपराध बनाने जा रही है, जिसमें दोषी पाए जाने पर छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को इससे संबंधित बिल ध्वनिमत से पारित हो गया है। जल्द ही विधान परिषद में यह बिल रखा जाएगा। कांग्रेस सदस्य भाई जगताप के एक सवाल पर राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने विधान परिषषद में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सदन में पेश खाद्य मिलावट रोकथाम (महाराष्ट्र संशोधन)विधेयक के जरिए (भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 272 से 276 और अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की पहली अनुसूची में संशोधन किया जाएगा। अभी इस गुनाह की सजा सिर्फ छह महीने की कैद और एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों है। लेकिन कानून में संशोधन के बाद मामले की गंभीरता के अनुसार आजीवन कारावास तक का दंड दिया जा सकेगा।
विधेयक के जरिए खाद्य पदार्थो के साथ ही दवाइयों में मिलावट को भी गैर--जमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। विधेयक में कहा है कि खाद्य पदार्थो और दवाइयों में मिलावट लोगों के स्वास्थ के लिए गंभीर खतरा है।
महाराष्ट्र से पहले उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल इस तरह के कानून बना चुके हैं। न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश में त्योहारों के अवसर पर अक्सर मिलावटी खाद्य पदार्थ पक़़डे जाने की घटनाएं बड़े पैमाने पर सामने आती हैं। दूध, खोया इत्यादि में आम दिनों में भी मिलावट होती रहती है। लेकिन ऐसे अपराधों में पक़़डे जाने के बावजूद मिलावट करनेवाले आसानी से जमानत पर छूट जाते हैं।