Coronavirus: कोविड डाटा पर शोध करेंगे आइआइटी एलुमनी और सीएसआइआर-आइजीआइबी
Covid Data देश भर से एकत्र कोविड रोगियों के डाटा का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये विश्लेषण करने एवं उसे सुरक्षा प्रदान करने का काम आइआइटी एलुमनी काउंसिल करेगी।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। आइआइटी एलुमनी काउंसिल ने सीएसआइआर-आइजीआइबी के साथ कोविड-19 पर संयुक्त रूप से शोध और रोगियों के डाटा विश्लेषण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे दुनिया भर में कोविड के इलाज की रणनीति बनाने एवं नए रोगियों के बेहतर इलाज में सहायता मिलेगी। समझौते के तहत देश भर से एकत्र कोविड रोगियों के डाटा का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये विश्लेषण करने एवं उसे सुरक्षा प्रदान करने का काम आइआइटी एलुमनी काउंसिल करेगी। कोविड के बेसिक डाटा से रोगियों की पहचान हटा दी जाएगी। कोई भी शोध संस्थान अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए इस डाटा के आधार पर बने एप या सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकेगा।
काउंसिल ने मुंबई के नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया डोम में चल रहे स्पेशल ऑब्जर्वेशन जोन के 8500 रोगियों का डाटा भी सीएसआइआर-आइजीआइबी (इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव बायोलॉजी) को सौंपा है। यह कोविड-19 रोगियों का दुनिया का सबसे बड़ा इमेजिंग डाटा बताया जा रहा है। मंगलवार को हुए समझौते के बाद सीएसआइआर-आइजीआइबी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि यह डाटा बायोमेडिकल क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इससे हम 100 फीसद भारतीय तकनीक से रोग का तेजी से पता लगाने की तकनीक विकसित कर सकते हैं।
इस शोध का लाभ समझाते हुए आइआइटी एलुमनी काउंसिल के अध्यक्ष रवि शर्मा ने बताया कि काउंसिल एवं सीएसआइआर-आइजीआईबी द्वारा देश भर से जमा किए गए कोविड रोगियों का डाटा पहचान हटाकर मशीन लìनग में जाएगा। मशीन लìनग के जरिये हजारों-लाखों मरीजों की शारीरिक स्थिति का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से किया जाएगा। शर्मा ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि डाटा बैंक में हजारों रोगियों के फेफड़ों की स्थिति दैनिक आधार पर सुरक्षित होगी।
किसी नए रोगी का एक्स-रे आने पर यह डाटा बैंक अपने से पास पहले से मौजूद एक्स-रे रिपोर्ट से उसकी तुलना कर कुछ ही समय में बता सकता है कि रोगी कोविड की किस स्थिति में है। इससे लक्षण देखकर कुछ ही समय में उस नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा। उनके अनुसार आइआइटी एलुमनी काउंसिल के पास तकनीकी विशेषज्ञता है, जबकि सीएसआइआर-आइजीआइबी के पास स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अच्छी टीम है। यह टेक्नो-मेडिकल संयोग न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया को कोविड-19 जैसी बीमारी से लड़ने के लिए एक कारगर हथियार दे सकता है