Maharashtra Weather Rain Update: महाराष्ट्र के इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
Maharashtra Weather Rain Update आईएमडी मुंबई के अनुसार सोमवार को दक्षिण कोंकण (South Konkan) मुंबई और ठाणे (Mumbai and Thane) में भारी बारिश होने की संभावना है।
मुंबई, एएनआइ। मौसम विभाग ने दक्षिण कोंकण (South Konkan) में आज (सोमवार) भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। इसके साथ ही मुंबई और ठाणे (Mumbai and Thane) में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश या गरज के साथ बारिश का अनुमान है। आईएमडी मुंबई ने मुंबई और ठाणे में मंगलवार को भी भारी बारिश होने की आशंका जाहिर की है।
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले ही कोंकण और गोवा (Konkan and Goa) में पहले ही मानसून के अधिक सक्रिय रहने की संभावना जाहिर की थी। आइएमडी के अनुसार आने वाले दिनों में दक्षिण कोंकण के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की पूरी संभावना है। वहीं महाराष्ट्र और उत्तरी कोंकण के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
शनिवार को राज्य में ऐसा रहा मौसम का हाल
शनिवार को दक्षिण मुंबई की तुलना में उपनगरों की ओर अधिक बारिश दर्ज की गयी थी, वहीं उत्तरी उपनगरों के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश हुई थी। सांताक्रूज मौसम वेधशाला में 12.4 मिलीमीटर बारिश, कोलाबा में सुबह 8.30 से शाम 5.30 के बीच 2 एमएम बारिश, मीरा रोड में 46 एमएम बारिश, भायंदर में अधिकतम 89 एमएम बारिश, मलाड में 29.4 एमएम और बांद्रा इलाके में 13.4 एमएम बारिश दर्ज की गयी।
देश के इन इलाकों में भी है बारिश की संभावना
बीते कुछ दिनों से देश के कई इलाकों में तेज गर्मी पड़ रही है जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने उन इलाकों में बारिश की संभावना जाहिर की है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र के चलते IMD ने देश के बहुत से इलाकों में भारी बारिश की संभावना जाहिर की है। मध्य और दक्षिण भारत के कई इलाकों में सोमवार व मंगलवार को बारिश होने की संभावना है। गौरतलब है मौसम विभाग ने रविवार के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया था। रविवार को देश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बादल छाये रहे थे।
मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में कम दबाव के कारण महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में 21 और 22 सितंबर के बीच भारी बारिश (Heavy Rains) होने की उम्मीद जतायी है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र की वजह से निचले स्तर पर तेज हवाएं चलेंगी, जिससे पश्चिमी तट पर बारिश होगी।