सुप्रीम कोर्ट में नांदेड़ गुरुद्वारे की याचिका पर सुनवाई, कहा - राज्य सरकार करेगी फैसला
नांदेड़ गुरुद्वारे (Nanded Gurdwara ) द़वारा दशहरा उत्सव और गुरु ग्रंथ साहिब जुलूस को लेकर दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई कोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार ही इस पर फैसला करेगी।
मुंबई, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट में नांदेड़ गुरुद्वारे द़वारा दशहरा उत्सव और गुरु ग्रंथ साहिब जुलूस से संबंधित याचिका पर आज सुनवाई हुई। याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना काल में उत्सव और यात्रा को कितनी सीमित करके इजाजत दी जा सकती है इसका फैसला राज्य सरकार स्वयं करेगी यदि नांदेड गुरुद़वारे को इस पर आपत्ति है तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कोरोना काल में किसी जुलूस की इजाजत नहीं दी गई है। जिसे लेते हुए गणपति महोत्सव का भी जिक्र भी किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि क्या नांदेड़ गुरुद्वारा में दशहरा उत्सव और गुरु ग्रंथ साहिब जुलूस को शाम 5 बजे तक सीमित रखने की अनुमति दी जा सकती है? कोर्ट ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोरोना की स्थिति को देखते हुए फैसला ले। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को गुरुद्वारा समिति की याचिका सुनने के लिए कहा और ये भी कहा कि अगर राज्य सरकार के निर्णय पर याचिकाकर्ता को आपत्ति हो तो वह हाईकोर्ट जा सकता है।
नांदेड़ गुरुद्वारा कमिटी ने रखा अपना पक्ष
गुरु गोबिंद सिंह जी के निर्वाण स्थल नांदेड़ साहिब में निकाली जाने वाली शोभा यात्रा और अन्य उत्सवों की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की गई थी। केंद्र की गाइडलाइंस के हिसाब से 50 फीसदी लोगों के साथ अनुमति दी जानी चाहिए। इसपर कोर्ट का कहना है कि लोगों के एकत्रित होने से कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है। इस पर गुरुद्वारा समिति की दलील रखी है कि हम समुदाय के लोगों को कार्यक्रम में भाग न लेने के लिए कह रहे हैं, हमारे पास एक ट्रक होगा जिस पर ग्रन्थ साहिब रखें जाएंगे। इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार की दलीलें
महाराष्ट्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए किसी भी प्रकार से भीड़ की इजाजत नही दी गई थी। महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के संबंध में चिंतित है। राज्य के लिए गणपति उत्सव सबसे बड़ा त्यौहार है। उसमें भी राज्य सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी।