Ganpati Visarjan 2020: कोरोना प्रतिबंधों के बीच मंदिर परिसर में ही किया गया गणपति विसर्जन
Ganpati Visarjan 2020 महाराष्ट्र में कोरोना प्रतिबंधों का पालन करते हुए गणेशोत्सव का त्योहार मनाया गया और दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर में मूर्ति विसर्जन मंदिर परिसर में किया गया।
मुंबई, एएनआइ। Ganpati Visarjan 2020 कोरोना संक्रमण के कारण पूरे महाराष्ट्र में गणपति उत्सव का पर्व फीका रहा। दस दिन के बाद गणपति जी को विदाई दी गयी। महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों के बीच श्री दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर में भी गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन मंदिर परिसर में ही कर दिया गया।
पुणे के मंदिरों में गणपति विसर्जन
पुणे के पांच प्रमुख गणपति मंदिरों में से तांबड़ी जोगेश्वरी और कसबा गणपति का विसर्जन मंदिर परिसर में बनाये गये छोटे से कृत्रिम तालाब में किया गया। इनके अलावा मंगलवार देर रात तक अन्य तीन तुलसी बाग, गुरुजी तालीम, और केसरी वाड़ा के गणपति का विसर्जन भी मंदिर परिसर में ही कर दिया जाएगा। विसर्जन के दौरान केवल मंदिर के पुजारी और स्टाफ ही उपस्थित थे। ऐसा पहली बार हुआ है कि विसर्जन से पहले किसी तरह शोभा यात्रा नहीं निकाली गयी।
लालबाग के राजा का विसर्जन
पूरे राज्य में कोरोना प्रतिबंधों का पालन करते हुए लोग समुद्र में शांतिपूर्ण तरीके से बप्पा को विदा कर रहे हैं। मुंबई के सबसे चर्चित लालबाग के राजा और पुणे में भी सभी प्रमुख गणपति का विसर्जन मंदिर परिसर में बने कृत्रिम तालाबों में ही किया गया। लालबाग के राजा की विसर्जन यात्रा में मात्र 500 लोग शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान नाच-गाने के चक्कर में लोग कोरोना प्रतिबंधों को भूल गये।
मूर्ति विसर्जन के लिए मुंबई में बने 443 स्थल
मुंबई में मूर्ति विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए बीएमसी ने पूरी मुंबई में 35 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया। कुल 443 विसर्जन स्थल बनाए गए और 23 हजार बीएमसी कर्मचारी विसर्जन के लिए तैनात किए गए। हालांकि कोरोना संकट के कारण पहले के मुकाबले इस साल सार्वजनिक स्थानों व घरों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना काफी कम हुई है। मुंबई में अधिकतर लोगों ने कृत्रिम तालाब में ही बप्पा का विसर्जन किया।