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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोले, एक दिन भारत का हिस्‍सा होगा कराची

कराची स्वीट्स की दुकान का नाम बदलने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुंख्‍यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा हम अखंड भारत में विश्वास करते हैं। हम यह भी मानते हैं कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:06 AM (IST)
महाराष्ट्र के पूर्व  मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोले, एक दिन भारत का हिस्‍सा होगा कराची
महाराष्ट्र के पूर्व मुंख्‍यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस

मुंबई, एएनआइ। मुंबई  के बांद्रा वेस्ट में  बीते दिनों कराची स्वीट्स की दुकान के मालिक से 'कराची' शब्द  को हटाने की  मांग को  लेकर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व  मुख्‍यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने  कहा कि  हम 'अखंड भारत' में विश्वास करते हैं। हम यह भी मानते हैं कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। 

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मुंबई के बांद्रा वेस्ट में  बीते 19 नवंबर को शिवसेना नेता नितिन नांदगांवकर ने  'कराची स्वीट्स' की दुकान के मालिक से 'कराची' शब्द  को हटाने की  मांग की थी और उसके बाद  महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) भी इसमें  मुहिम में  शामिल हो गई थी।  महाराष्ट्र के पूर्व  मुख्‍यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि हम 'अखंड भारत' में विश्वास करते हैं। हम यह भी मानते हैं कि कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। 

बता दें कि कराची स्वीट्स का नाम बदलने को लेकर वीरवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनाके कार्यकर्ताओं ने 'कराची स्वीट्स' पर जाकर उसके उत्पादों को पैरों  से कुचला और दुकान का नाम जल्‍द बदलने की धमकी भी दी। इससे पहले शिवसेना नेता नितिन नांदगांवकर ने दुकान में पहुंचकर मौजूद कर्मचारियों पर दुकान का नाम बदलने का दबाव डालते हुए कहा था कि ये पाकिस्‍तान में स्थित कराची में आतंकी रहते हैं, इन्‍हीं आतंकियों के कारण हमारे जवान मारे जा रहे हैं। मुंबई इस नाम को किसी भी  कीमत पर स्‍वीकार नहीं करेगी। आप अपनी दुकान का नाम किसी परिजन या पूर्वज के नाम पर रख सकते हैं इसे बदलने के लिए हम आपको समय दे रहे हैं। आप दुकान का नाम बदलने के साथ  इसका साइनबोर्ड भी मराठी भाषा में लगाये।  नितिन नांदगांवकर के धमकाने के बाद दुकान को नाम को अखबार से ढक दिया गया।  दुकानदार का कहना था कि इस संबंध में हमने अपने वकील से बात की है हमें नाम बदलना है या नहीं ये निर्णय हम बाद में लेंगे। 


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