नासिक में तेंदुए के हमले से चार लोगों की मौत के बाद एक्टिव हुई वन विभाग की टीम, ऑपरेशन शुरू
पिछले तीन महीनों में नासिक क्षेत्र के बहुल गन्ना खंड में चार लोगों के मरने व दो लोगों के चोटें लगने के बाद वन विभाग टीम सक्रिय हो गई है।
मुंबई, जागरण संवाददाता। पिछले तीन महीनों में नासिक क्षेत्र के बहुल गन्ना खंड में चार लोगों के मरने व दो लोगों के चोटें लगने के बाद वन विभाग टीम सक्रिय हो गई है। तेंदुआ पकड़ने वाली टीम संजय गांधी तेंदुए को पकड़ने के लिए नासिक पहुँच गई है। क्षेत्र में कुल 18 ट्रैप पिंजरे और कैमरा ट्रैप पर लगाए गए हैं। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (APCCF) वन्यजीव सुनील लिमये ने सोमवार को नासिक का दौरा किया और संदिग्ध तेंदुए को पकड़ने के लिए ऑपरेशन में शामिल वन विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की। APCCF सुनील लिमये ने कहा, नासिक में तेंदुए के साथ संघर्ष की घटनाओं में चार मौतें और दो लोगों को चोटें आई हैं और एसजीएनपी की टीम स्थानीय विभाग की मदद के लिए भी नासिक में है। टीम द्वारा संदिग्ध तेंदुए को फंसाने के लिए कुल 16 ट्रैप पिंजरे लगाए हैं और 20 कैमरा लगाए गए हैं।
वन विभाग टीमें रख रही नजर
आस-पास के इलाकों में कुछ और कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं और वन विभाग की टीमें भी हेल्पलाइन से तेंदुए की गतिविधि पर नजर रख रही हैं। एसजीएनपी की टीम और स्थानीय वन विभाग की टीमें आगे की घटनाओं को रोकने के लिए क्षेत्र के गांवों में जागरूक भी कर रही हैं। गौरतलब हो कि पिछले तीन महीनों में नासिक इस्ट में संघर्ष की घटनाएं हुई हैं इनमें एकलेहरे, समंगाओन, कोटमगांव, जखौरी, हिंगनवेड, कालवी व गंगापड़ाली के करीब के गांवों में घटनाएं हुई हैं।
वन विभाग कर रहा ड्रोन का इस्तेमाल
स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग व तेंदुए को उसी के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। इस क्षेत्र में गन्ने के विशाल खेत हैं और वहाँ भी बिखरे हुए जंगल हैं और तेंदुए का दिखना एक सामान्य बात है। तेंदुए को फंसाने व तेंदुए की गतिविधि की जांच के लिए वन विभाग ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहा है।
SGNP की बचाव टीम नासिक पहुंची
SGNP के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ शैलेश पेठे ने कहा, नासिक के समगाँव और बालेश्वर गाँवों में लोगों पर तेंदुए के हमले की घटनाएं हुई हैं। हमलों के बाद, संदिग्ध तेंदुए को पकड़ने के लिए SGNP की बचाव टीम को नासिक में विशेषज्ञता देने के लिए बुलाया गया था। हमने संदिग्ध तेंदुए और कैमरा ट्रैप को पकड़ने के लिए एक रणनीति तैयार की है और ट्रैप पिंजरे लगाए हैं। देखने में आया है कि जिन इलाकों में ऐसी घटनाएं घटी हैं, वहां गन्ने के खेतों के विशाल खंड हैं, जिसमें तेंदुए को घूमने और खुद को छिपाने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है।
समय-समय पर तेंदुए के हमले की घटनाएं
15 जून को, नासिक पूर्व जिले के डोनवाडे गांव में तेंदुए के हमले से खेत में अपने घर के बाहर सो रहे 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, 16 जून को नासिक पूर्व जिले के बम्हलेशवर गांव में भी ऐसी घटना घटी, जिसमें तीन साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इससे पहले 19 अप्रैल को हिमगवेदेह गांव के पास 12 वर्षीय लड़के और 1 मई को नासिक पूर्व जिले के डोनवडे गांव में भी चार साल के बच्चे की मौत हो गई थी।