Covid Hospital Fire: मुंबई के मॉल में चल रहे अस्पताल में भीषण आग, 11 लोगों की मौत
Mumbai Fire News मुंबई पुलिस के उपायुक्त प्रशांत कदम के अनुसार गुरुवार रात 12.30 बजे ड्रीम्स मॉल की पहली मंजिल पर आग भड़क उठी जिसका धुआं तीसरी मंजिल पर स्थित सनराईज अस्पताल तक जाने लगा। जिसके कारण अस्पताल के आईसीयू में भर्ती दो कोविड मरीजों की मौत हो गई।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई के भांडुप उपनगर में एक मॉल में चल रहे निजी अस्पताल में गुरुवार देर रात अचानक लगी आग में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पहले से कई विवादों में रहे एचडीआईएल समूह द्वारा बनाया गया यह मॉल भी विवादों में हैं और इसकी तीसरी मंजिल पर चल रहे सनराईज अस्पताल को भी कई वर्षों से शुरू करने की मान्यता नहीं दी गई थी। कोविड-19 की शुरुआत के बाद इसे मान्यता देने वाली मुंबई महानगरपालिका भी अब सवालों के घेरे में है। मुंबई पुलिस के उपायुक्त प्रशांत कदम के अनुसार गुरुवार रात 12.30 बजे ड्रीम्स मॉल की पहली मंजिल पर आग भड़क उठी, जिसका धुआं तीसरी मंजिल पर स्थित सनराईज अस्पताल तक जाने लगा। जिसके कारण अस्पताल के आईसीयू में भर्ती दो कोविड मरीजों की मौत हो गई। रात में ही दमकल की 23 से अधिक गाड़ियां आग बुझाने का प्रयास कर रही थीं। लेकिन बाद में इस आग ने अस्पताल को भी अपनी चपेट में ले लिया और शुक्रवार शाम तक 11 लोग मारे जा चुके थे।
अस्पताल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दुर्घटना के समय अस्पताल में कुल 76 मरीज भर्ती थे। इनमें 73 कोरोना के मरीज थे और तीन सामान्य। आग लगने के बाद सभी कोरोना मरीजों के मुलुंड स्थित जंबो कोविड सेंटर में स्थानांतरित किया गया है। यह मॉल 2009 में बनकर तैयार हुआ था। लेकिन तभी से यह विवादों में रहा है। इसकी तीसरी मंजिल पर बने अस्पताल को भी शुरू करने की अनुमति नहीं मिल सकी थी। लेकिन पिछले वर्ष कोविड-19 की शुरुआत होने के बाद जब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, तो कोविड के नाम पर ही अस्थायी रूप से इसे कोविड अस्पताल के रूप में शुरू करने की अनुमति दे दी गई। लेकिन अस्पताल चलाने के लिए आवश्यक कई तरह की अनुमतियां अभी भी इस अस्पताल के पास नहीं थीं। मुंबई महानगरपालिका की मेयर किशोरी पेडणेकर को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि मॉल में अस्पताल चल रहा है। इस बात पर आश्चर्य जताते हुए पेडणेकर ने कहा कि मैंने पहली बार मॉल के अंदर अस्पताल चलते देखा है। उनके अनुसार आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आज दोपहर सनराईज अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। लेकिन पहले से विवादों में चल रही उद्धव सरकार पर विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया है। मुंबई भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने बीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस मामले में सीधे हत्या का मामला दर्ज कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने भांडुप के पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि यह अस्पताल सीधे घोटाले से तैयार किया गया है। पीएमसी बैंक (कुछ दिनों पहले घोटाले का शिकार हुआ) का पैसा एचडीआईएल के राकेश वाधवान के पास गया। उसने इस घोटाले के पैसे से ड्रीम्स मॉल तैयार किया। उसकी ऊपरी मंजिल पर अपनी बेटी के लिए अस्पताल बनाकर दिया। अस्पताल को कई तरह की अनुमतियां नहीं मिली थीं। कोविड के दौरान किसी तरह की पारदर्शिता न बरतते हुए अस्पताल को ओसी (शुरू करने की अनुमति) दी गई। अस्पताल में आग से बचने एवं सुरक्षा आदि के उचित प्रबंध नहीं है। इसलिए अस्पताल एवं इस जगह के मालिक पर फौजदारी मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने कहा मुंबई के सनराइज अस्पताल में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से जिम्मेदार है। दोषियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इस बीच, मुंबई में बंडुप के सनराइज अस्पताल ने कहा कि ड्रीम्स मॉल, भांडुप और अस्पताल में नहीं, पहली मंजिल पर आग लगी थी। धुआं ऊपर की मंजिल पर स्थित अस्पताल तक पहुंच गया। दो शव थे (कोविद के कारण) जिन्हें भी निकाला गया था। आग के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। सभी रोगियों को तुरंत जंबो कोविद केंद्र (और कुछ अन्य निजी अस्पतालों में) स्थानांतरित कर दिया गया। मरीजों को जिंदा स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन वेंटिलेटर और अत्यंत गंभीर रोगियों पर कुछ मरीज थे। हम मानते हैं कि आग के कारण हताहत नहीं हुए हैं, लेकिन या तो संक्रमण में या अन्य अस्पतालों में। हमने अधिकारियों से बात की है और उनसे आग के कारणों की जांच करने और का अनुरोध किया है। दोषी को दंडित किया जाएगा।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने भांडुप आग की घटना में जांच का आदेश दिए हैं, इस हादसे में अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। मुंबई के संरक्षक मंत्री असलम शेख के अनुसार जांच में सामने आया है कि अस्पताल और मॉल में आग से सुरक्षा के उपाय उपलब्ध थे। इस मामले में जिम्मेदार पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रशांत कदम के अनुसार, आग को बुझाने के लिए करीब 23 दमकल वाहन अस्पताल पहुंच चुके हैं। ये निजी अस्पताल मॉल की तीसरी मंजिल पर स्थित है इसमें 76 COVID-19 रोगियों को भर्ती करवाया गया था। ये आग देर रात 12 बजकर 30 मिनट पर मॉल की पहली मंजिल पर लगी थी। ये लेवल-3 या लेवल-4 की आग बतायी जा रही है। डीसीपी कदम के अनुसार, '' मौके पर 23 दमकल वाहन मौजूद हैं।
इस घटना के बारे में मुंबई के मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा, “मैंने पहली बार किसी मॉल में अस्पताल देखा है। यह बहुत गंभीर स्थिति है। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से सात मरीज वेंटीलेटर पर थे। 70 मरीजों को दूसरे अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। आग के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है जांच अभी जारी है।