ईडी के सामने पेश नहीं हुए अनिल देशमुख, कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश का है इंतजार
मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को समन जारी किया था। इस मामले में देशमुख का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद उनके सामने पेश होंगे।
मुंबई, मिड डे/एजेंसियां। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ने कहा हमने ईडी को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने तक इंतजार करने के लिए कहा है। हमने अपने पत्र में ईडी से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद उनके सामने पेश होंगे। हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) के सामने पेश होना था। इसके लिए ईडी ने मंगलवार को पांचवा समन जारी किया था। बता दें कि मनी लांड्रिंग मामले में छापे के बाद से ही अनिल देशमुख सामने नहीं आ रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय द्वारा 71 वर्षीय राकांपा नेता को संघीय एजेंसी की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने से इनकार करने के एक दिन पश्चात यह घटनाक्रम सामने आया है। सूत्रों के अनुसार अनिल देशमुख को 18 अगस्त को दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। देशमुख को इस तरह का यह पांचवां समन जारी किया गया था। यह नोटिस धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है क्योंकि एजेंसी इस मामले में उनका बयान दर्ज करना चाहती है।
गौरतलब है कि अनिल देशमुख ने ईडी की कार्रवाई को अनुचित बताया था और पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। इस मामले में उनके उनके पुत्र हृषिकेश और पत्नी को भी बुलाया गया था लेकिन वह भी अनुपस्थित रहे थे। देशमुख ने पिछले महीने एक वीडियो बयान जारी कर कहा था कि वह अपनी याचिका पर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ही वह ईडी के समक्ष पेश होंगे।
इस मामले में अनिल देशमुख ने कहा था कि मुझे ईडी का समन मिला था जिसके बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। मैं अपनी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपना बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के समक्ष जाऊंगा।" बता दें कि ये समन महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले से संबंधित पीएमएलए के तहत दर्ज आपराधिक मामले के संबंध में जारी हुए थे। जिसकी वजह से अप्रैल में अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।