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Maharashtra: भाजपा के साथ सरकार बनाने को तैयार थे उद्धव ठाकरे, शिंदे के प्रवक्ता ने किया दावा

Maharashtra महाराष्ट्र में शिंदे गुट के दीपक केसरकर ने कहा कि पिछले साल उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई थी। पीएम से अपने व्यक्तिगत संबंधों के कारण उद्धव ने उसी समय महाविकास आघाड़ी का साथ छोड़ भाजपा के साथ सरकार बनाने का मन बना लिया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 09:23 PM (IST)
Maharashtra: भाजपा के साथ सरकार बनाने को तैयार थे उद्धव ठाकरे, शिंदे के प्रवक्ता ने किया दावा
भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर तैयार थे उद्धव ठाकरे, शिंदे गुट के नेता ने किया दावा। फाइल फोटो

भाजपा, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पिछले साल भाजपा के साथ सरकार बनाने को तैयार थे, लेकिन किसी ना किसी कारण से बात बनते-बनते बिगड़ गई। यह बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।

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केरसकर ने कहा, पिछले साल उद्धव की पीएम मोदी से हुई थी मुलाकात

दीपक केसरकर ने कहा कि पिछले साल जून में दिल्ली में उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री से अपने व्यक्तिगत संबंधों के कारण उद्धव ने उसी समय महाविकास आघाड़ी का साथ छोड़ भाजपा के साथ सरकार बनाने का मन बना लिया था। अगले 15 दिनों में शिवसेना प्रमुख अपने साथियों को राजी कर इस योजना को अमल में लाने वाले थे। इसके लिए वह मुख्यमंत्री पद भी छोड़ने को तैयार थे, लेकिन उन्हीं दिनों में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता नारायण राणे व उनके पुत्र नितेश राणे द्वारा उद्धव ठाकरे के पुत्र तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे के बारे में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद तमाम तरह के आरोप लगाए जाने लगे। इससे आहत होकर उद्धव ने अपना विचार बदल दिया और सरकार बनते-बनते रह गई।

राहुल शेवाले ने कही थी ये बात

गौरतलब है कि जो बात दीपक केसरकर ने कही है, उसी से मिलती-जुलती एक घटना कुछ दिनों पहले एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने भी कही थी। उन्होंने कहा था कि उद्धव और प्रधानमंत्री की मुलाकात के कुछ ही दिन महाराष्ट्र विधानमंडल के वर्षाकालीन सत्र में भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिए जाने के कारण भाजपा ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने का इरादा त्याग दिया था। जबकि केसरकर भाजपा-शिवसेना का मिलाप नहीं हो पाने का ठीकरा नारायण राणे के सिर फोड़ते दिखाई दिए। राणे और केसरकर दोनों कोकण क्षेत्र के नेता हैं। दोनों में लंबे समय से राजनीतिक अनबन रही है। कुछ दिनों पहले भी दोनों में तकरार हो चुकी है।


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