Move to Jagran APP

Coronavirus Prevention Tips: कोरोना से मुक्‍त होने के बाद न करें ये लापरवाही, पड़ सकती हैं भारी

मुबंई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के पल्मोनरी मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. सुमित सिंघानिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण एक साथ कई तकलीफों का बनता है कारण। इसलिए इससे मुक्त होने के बाद भी जरूरी है सावधानी बरतना और चिकित्सक के संपर्क में रहना...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 03:34 PM (IST)
Coronavirus Prevention Tips: कोरोना से मुक्‍त होने के बाद न करें ये लापरवाही, पड़ सकती हैं भारी
किसी भी संक्रमण से बचाव की दोहरी सावधानी अपनानी होगी।

मुंबई, जेएनएन। लंबे समय से चल रहे कोरोना संक्रमण के बारे में चिकित्सकों ने ढेरों अनुभव पाए हैं। इस वायरस के संकेत, लक्षण एवं उपलब्ध उपचार विकल्पों ने चिकित्साविदों को भी बहुत कुछ सिखाया है। वास्तव में कोविड-19 ऐसा वायरस है, जिसके नेचर के बारे में अभी भी कुछ सटीक कह पाना मुश्किल है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में इससे संक्रमितों की रिर्पोट निगेटिव आने के बाद भी कई तरह की शारीरिक दिक्कतें जल्दी कम नहीं होती हैं। कुछ लोगों में लंबे समय तक इसके लक्षण और कमजोरी देखने को मिलती है तो वहीं सांस की तकलीफ होना भी आम बात है।

loksabha election banner

संक्रमितों के अधिसंख्य मामलों में ठीक होने के बाद भी कई तरह की परेशानी देखी जा सकती है, जबकि कुछ मामलों में चिंता, भय और अवसाद के मनोवैज्ञानिक लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। इनसे ठीक होने में महीनों का समय लग रहा है। सांस, मधुमेह और हृदय रोगों से ग्रसित लोगों में कोरोना संक्रमण से मुक्ति के बाद भी कई तरह की परेशानियां बनी रहती हैं। इसलिए जितना सतर्क हमें कोविड-19 से रहना है, उतनी ही सावधानी इससे मुक्ति पाने के बाद भी बरतनी है। वैसे भी आजकल का मौसम कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से ग्रसित होने का है। इसलिए किसी भी संक्रमण से बचाव की दोहरी सावधानी अपनानी होगी।

टीकाकरण जरूर कराएं : यदि आप कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं तो भी बहुत सजग रहने की जरूरत है। संक्रमण के दौरान कम हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता इस मौसम में किसी अन्य संक्रमण की चपेट में ला सकती है। इसलिए फ्लू और निमोनिया का टीकाकरण बेहद जरूरी है। 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों, निमोनिया और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से इसका परामर्श है। इससे र्सिदयों के दौरान फेफड़ों के सामान्य संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। ऐसे लोगों को चाहिए कि टीकाकरण के बारे में अपने चिकित्सक से मशविरा जरूर करें।

आवश्यक जांचें जरूर कराएं : बाद में भले ही आपकी कोरोना रिर्पोट निगेटिव आई हो, लेकिन संक्रमण के दौरान शरीर को कितनी क्षति हुई है, इससे आप अनजान हैं। इसलिए इससे उबरने के बाद चिकित्सक की देखरेख में आवश्यक जांचें जरूर करा लें, जिससे यह सुनिश्चित हो जाए कि आपको दवाओं की जरूरत है या नहीं।फाइब्रोसिस को न करें नजरअंदाज: कोरोना वायरस के संक्रमण में सबसे अधिक प्रभावित श्वसनतंत्र होता है। यदि संक्रमित व्यक्ति में गंभीर लक्षण पाए गए हैं तो भले ही दो सप्ताह में रिर्पोट निगेटिव आ जाती है, लेकिन फेफड़ों पर संक्रमण का खराब प्रभाव पड़ता है। बुजुर्गों और पहले से सांस संबंधी समस्याओं वाले मरीजों को सांस लेने में तकलीफ व खांसी की समस्या हो जाती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें। जरूरी होने पर चिकित्सक खुद ही एक्स-रे या सीटी स्कैन की सलाह देंगे।

पुरानी बीमारी भी याद रखें : कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए कुछ खास दवाएं दी जाती हैं। अस्पताल में भर्ती होने या घर पर क्वारंटाइन होने पर कुछ निश्चित दवाएं दी जाती हैं। यदि आप घर में क्वारंटाइन हुए हैं तो काफी संभावना है कि आपने सिर्फ कोरोना संक्रमण में दी जाने वाली दवाएं ली हों और सारा ध्यान संक्रमण पर रहा होगा। पहले से अगर हाई ब्लडप्रशेर, मधुमेह, सीओपीडी या अस्थमा की शिकायत है तो जल्द से जल्द चिकित्सक की सलाह लेकर अपनी दवाएं शुरू करें। कारण, आपकी अनदेखी अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है।

अपनाएं सुरक्षा के सारे उपाय : कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं, जिनमें कोरोना का संक्रमण दोबारा हो गया। इसलिए इससे उबरने के बाद लापरवाही बिल्कळ्ल नहीं करनी चाहिए। सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों जैसे शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग, सैनिटाइजर का प्रयोग और अन्य आवश्यक नियमों का पालन करना पहले भी जरूरी था और बाद में भी जरूरी है। सजगता ही इस संक्रमण से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा उपाय है।

नियमित व्यायाम और पोषक खानपान : संक्रमण के बाद खोई हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए व्यायाम जरूर करें। मौसम जाड़े का है। इसलिए घर पर ही प्राणायाम और योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। संक्रमण के दौरान जितनी गंभीरता आपने अपने खानपान में रखी है, उसे जारी रखें, क्योंकि दवाएं संक्रमण समाप्त करती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता सही खानपान से ही बनती है। अपने भोजन में दूध, दाल, विभिन्न प्रकार की हब्र्स और मोटे अनाज को जरूर शामिल करें साथ ही मौसमी हरी सब्जियों व फलों का सेवन अवश्य करें।

भाप लेना न भूलें : कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक परेशानी सांस लेने की होती है। इसलिए भले ही आप कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं, लेकिन यह मत भूलें कि कमजोर और बुजुर्गों में किसी भी संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। यह मौसम धुंध, कोहरा और ठंड वाला है, जिसका सीधा असर हमारे श्वसनतंत्र पर पड़ता है। इसलिए सुबह-शाम भाप जरूर लें। संक्रमण से जो क्षति फेफड़ों की हुई है, उसकी भरपाई होगी और किसी नए संक्रमण की चपेट में आने से काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे।

यह भी देखें: ब्रिटेन में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, भारत में Health Ministry की आपात Meeting शुरू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.