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Maharashtra: जेल से रिहा होकर 500 कारों के काफिले संग घर पहुंचा गैंगस्टर गजानन मार्ने

Maharashtra महाराष्ट्र में पुणे जेल से गैंगस्टर गजानन मार्ने के रिहा होने पर 500 गाड़ियों का काफिला निकला। जेल से बाहर आए गजानन की अगवानी के लिए उसके समर्थकों की बड़ी भीड़ मौजूद थी। वह स्वयं कार में छत का शीशा हटाकर खड़ा हुआ लोगों का अभिवादन कर रहा था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 09:40 PM (IST)
Maharashtra: जेल से रिहा होकर 500 कारों के काफिले संग घर पहुंचा गैंगस्टर गजानन मार्ने
पुणे जेल से गैंगस्टर गजानन मार्ने के रिहा होने पर निकला 500 गाड़ियों का काफिला। फाइल फोटो

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra: नई मुंबई की तलोजा जेल से सोमवार को रिहा हुए पुणे के एक गैंगस्टर का जुलूस देखकर तो उत्तर प्रदेश और बिहार के कथित माफिया सरगना भी पानी-पानी हो जाएं। ताज्जुब यह कि नई मुंबई से पुणे तक एक्सप्रेस वे पर तहलका मचाते हुए गए इस जुलूस की खबर उस दिन महाराष्ट्र पुलिस को भी नहीं लगी। प्राथमिकी दर्ज हुई अगले दिन, जब इंटरनेट पर इस जुलूस की फुटेज वायरल होने लगीं। तलोजा जेल से रिहाई हुई थी दो हत्याओं के आरोपित 46 वर्षीय गजानन मार्ने उर्फ गाजा पंढरीनाथ मार्ने उर्फ महाराज की। जेल से बाहर आए गजानन की अगवानी के लिए उसके समर्थकों की बड़ी भीड़ मौजूद थी। वह स्वयं एक कार में छत का शीशा हटाकर खड़ा हुआ लोगों का अभिवादन कर रहा था। उसके आगे-पीछे 500 कारों का काफिला चल रहा था। जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे थे। ड्रोन के जरिए इस जुलूस की शूटिंग हो रही थी।

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मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे के किसी भी टोल नाके पर काफिले की किसी कार द्वारा कोई टोल अदा किए बिना यह यह जुलूस निर्विघ्न पुणे पहुंच गया। राज्य की पुलिस को पता तब चला, जब इस जुलूस के वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने लगे। तब पुणे की हिंजेवाड़ी न तलेगांव पुलिस थानों में उसके खिलाफ अलग-अलग दो प्राथमिकी दर्ज की गईं। बताया जाता है कि गजानन पुणे में सक्रिय सात माफिया गुटों में से एक का सरगना है। वह दो हत्याओं के मामले में पिछले छह साल से जेल में बंद था। उस पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत भी मामला दर्ज था। पुणे के सत्र न्यायालय ने उसे व उसके 13 साथियों को इन मामलों से हाल ही में बरी किया है। पुणे के एसीपी-क्राइम ब्रांच सुरेंद्र देशमुख का कहना है कि पुणे के सभी आपराधिक गुटों पर हमारी नजर है। हमने अवैध जुलूस निकालने के मामले में गजानन पर भी मामला दर्ज कर लिया है।

दूसरी ओर, गजानन के वकील विजय थोम्बारे सफाई देते हुए कहते हैं कि गजानन को खुद नहीं मालूम था कि उसके स्वागत के लिए जेल के बाहर इतने लोग खड़े होंगे। जुलूस की ड्रोन से हुई शूटिंग के बारे में भी किसी को नहीं मालूम था। हमारे मुवक्किल के विरुद्ध इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करना उसे पुनः जेल भेजने की एक साजिश मात्र है। पुणे में सक्रिय कथित सात आपराधिक गिरोहों में से कुछ के रिश्ते यहां के राजनीतिक दलों से भी है। इनमें से ज्यादातर माफिया सरगना तेजी से विकसित हो रहे पुणे में भूखंडों पर कब्जे या भवन निर्माताओं से वसूली के दम पर मालामाल हो रहे हैं। इनमें आपस में टकराव की आशंका भी बनी रहती है। हाल ही में ऐसा ही एक सरगना पुणे महानगरपालिका में अपने समर्थकों के साथ बेखौफ टहलता देखा गया था। क्योंकि उसकी मां को शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महिला शाखा में कोई जिम्मेदारी मिली थी। इस सरगना पर भी कई मामले दर्ज हैं। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के दौरान खराब स्वास्थ्य के बहाने वह जमानत पाने में कामयाब रहा था। तब से वह बेखौफ घूमता दिखाई देता है। 


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