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आजादी का दूसरा संघर्ष नफरत फैलाने वालों के खिलाफः कांग्रेस

कांग्रेस कार्यसमिति ने भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 11:26 AM (IST)
आजादी का दूसरा संघर्ष नफरत फैलाने वालों के खिलाफः  कांग्रेस
आजादी का दूसरा संघर्ष नफरत फैलाने वालों के खिलाफः कांग्रेस

मुंबई, राज्य ब्यूरो। भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस कार्यसमिति ने नफरत फैलाने वालों के खिलाफ आजादी के दूसरे संघर्ष का आह्वान किया। यह आह्वान मंगलवार को महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम परिसर में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से किया गया।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष की शुरुआत पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक वर्धा स्थित ऐतिहासिक सेवाग्राम आश्रम में आयोजित की गई। सेवाग्राम की स्थापना बापू ने 1936 में की थी। एक दशक से अधिक समय तक यह बापू की कर्मभूमि रही। नौ दिनों की व्यापक मंत्रणा के बाद जुलाई 1942 में यहीं से कांग्रेस कार्यसमिति ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया था। इसकी औपचारिक घोषणा सात-आठ अगस्त, 1942 को मुंबई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में हुई थी। इसी ऐतिहासिक घटना को प्रतीक मानते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बापू की डेढ़ सौवीं जयंती की शुरुआत अपनी कार्यसमिति की बैठक सेवाग्राम में करने से की। जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में नेता विरोधी दल मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा में नेता विरोधी दल गुलाम नबी आजाद सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। 

बैठक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ-साथ ह्यजय जवान, जय किसानह्ण का नारा देनेवाले पूर्व प्रधानंत्री लालबहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आज दो विचारधाराएं नजर आ रही हैं। एक विचारधारा गांधी जी की है, तो दूसरी गोडसे की। जो गोडसे को मानते हैं, वे गांधी के विचारों को नहीं समझ सकते। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में भी कहा गया कि भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सदैव बापू की विचारधारा के विरुद्ध षड्यंत्र किया है। आज वही पाखंडी ताकतें सत्ता की स्वार्थ सिद्धि के लिए बापू की विचारधारा अपनाने का ढोंग रच रही हैं। जबकि सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नफरत, बंटवारे और घृणा का वातावरण बनाया गया है, और उसी के परिणामस्वरूप राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या हुई। प्रस्ताव के अनुसार समय की मांग है कि नए स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत सेवाग्राम से हो। यह स्वतंत्रता संग्राम एक ऐसी मोदी सरकार के खिलाफ हो, जिसने देश में बंटवारे और पूर्वाग्रह का वातावरण पैदा किया है। जिसकी राजनीति का आधार डर है। जिसकी कार्यशैली ध्रुवीकरण पर आधारित है। जिसकी सोच हर आवाज को दबाने की और हर विरोध का गला घोंटने की है। जिसका चरित्र हिंदुस्तान के बहुलतावाद को समाप्त कर उन्माद फैलाने का है। 

अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने उन संगठनों और विचारधाराओं के दोहरे मानदंडों और खोखलेपन को उजागर करने का फैसला किया है, जिन्होंने कभी गांधी के सत्य, अहिंसा और सहनशीलता के सिद्धांतों में भरोसा नहीं किया। कार्यसमिति के प्रस्ताव के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही वह राजनीतिक दल है, जो सच्चे अर्थों में भारत के समावेशीय, बहुलतावादी, धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी चरित्र को आत्मसात और प्रतिबिंबित करती है। यही दल न्याय के सिद्धांत, उदारवाद, समानता और भाईचारे के प्रति अटूट रूप से कटिबद्ध है। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता इस बुनियादी संदेश को भारत के कोने-कोने तक पहुंचाएगा। खासकर देश की युवा पीढ़ी तक। 

सेवाग्राम में राहुल ने खुद धोई अपनी प्लेट 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज वर्धा के सेवाग्राम आश्रम स्थित बापू कुटी देखी और दोपहर के भोजन के बाद आश्रम की परंपराओं का पालन करते हुए अपनी प्लेट भी खुद ही धोई। महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इसी कुटी में करीब एक दशक रहे थे। 

राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ पहले आदि कुटी पहुंचे, जहां बापू सेवाग्राम में आने से बाद शुरुआत में रहे थे। फिर वह कस्तूरबा गांधी की कुटी देखने पहुंचे। और अंत में वह बापू कुटी में गए। वहां उन्होंने बापू का कार्यालय भी देखा। बापू डांडी मार्च के बाद अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम छोड़कर मध्य भारत स्थित वर्धा में आ गए थे, और स्वतंत्रता आंदोलन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा यहीं रहते हुए संचालित किया। यह आश्रम देखने के बाद राहुल गांधी ने ट्विट किया कि गांधी सिर्फ एक अचल प्रतिमा नहीं हैं। वह भारतवर्ष में प्रवाहित हो रहे जीते-जागते विचार हैं।

 जिस सत्य और अहिंसा का उन्होंने आजीवन पालन किया, और जिसके लिए वह मारे गए, वही हमारे देश की बुनियाद है। असली देशभक्तों को इन मूल्यों और विचारों की रक्षा करनी चाहिए। राहुल गांधी की यह दूसरी सेवाग्राम यात्रा थी। आज उन्होंने उस स्थान के निकट ही एक पौधा भी रोपा, जहां 1986 में उनके पिता राजीव गांधी एक पौधा रोप गए थे। राहुल ने कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के साथ सेवाग्राम आश्रम में होनेवाली प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लिया। जहां ह्यवैष्णव जन तो तेने कहिएह्ण भजन का पाठ हो रहा था। 


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