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Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की जांच के लिए सीबीआइ टीम मुंबई पहुंची, पुलिस कमिश्नर करेंगे सहयोग

Sushant Singh Rajput Case मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ मंत्रालय में बैठक की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 07:25 AM (IST)
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की जांच के लिए सीबीआइ टीम मुंबई पहुंची, पुलिस कमिश्नर करेंगे सहयोग
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले की जांच के लिए सीबीआइ टीम मुंबई पहुंची, पुलिस कमिश्नर करेंगे सहयोग

मुंबई, एएनआइ। Sushant Singh Rajput Case: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले की जांच के लिए वीरवार शाम सीबीआइ टीम मुंबई पहुंच गई है। इस बीच, मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुशांत मामले को लेकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ मंत्रालय में बैठक की। इस दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वो सीबीआइ का सहयोग करेंगे के जवाब में कहा निश्चित रूप से हम सहयोग करेंगे। वहीं, सुशांत मामले में मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिल्मकार रूमी जाफरी का बयान दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि जाफरी सुबह करीब 11.30 बजे यहां बल्लार्ड एस्टेट में स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंचे थे।

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सूत्रों के मुताबिक, जाफरी से सुशांत सिंह को लेकर उनकी आगामी फिल्म की योजना तथा फाइनेंस के बारे में पूछताछ की गई। इसके पहले जाफरी से मुंबई पुलिस ने भी पूछताछ की थी, जो सुशांत मामले में एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (एडीआर) की जांच कर रही थी। सुशांत 14 जून को मुंबई के बांद्रा में एक अपार्टमेंट में अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। सुशांत के पिता ने पटना में दर्ज कराई गई एफआइआर में अपने बेटे के खातों से करीब 15 करो़ड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप भी लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय इसी एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है।

दूसरी ओर, महाराष्ट्र में सत्तारू़ढ़ गठबंधन-महाविकास आघाडी के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत मामले की जांच में सीबीआइ को पूरा सहयोग देगी। महाराष्ट्र सरकार इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध करती रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह मामला सीबीआई को सौंप दिया। पवार ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि महाविकास आघाडी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस मामले की जांच तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच की तरह नहीं होगी, जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए काम करने वाले जाने-माने कार्यकर्ता दाभोलकर की अगस्त, 2013 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआइ ने इस मामले की जांच 2014 में शुरू की थी।


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