Maharashtra: एचडीआइएल व उसके प्रमोटरों को चुकाना होगा पीएमसी बैंक का कर्ज
PMC Bank. अदालत ने कहा कि पीएमसी बैंक और जमाकर्ताओं के हित में एचडीआइएल और वधावन की संपत्ति जल्द से जल्द बेची जानी चाहिए।
मुंबई, प्रेट्र। PMC Bank. बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि एचडीआइएल और उसके प्रमोटरों राकेश वधावन और सारंग वधावन को पंजाब एवं महाराष्ट्र कोआपरेटिव (पीएमसी) बैंक का कर्ज चुकाना होगा। कोर्ट ने कहा कि यह बैंक और वहां अपना धन जमा करने वालों के हित में होगा। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पीएमसी बैंक और जमाकर्ताओं के हित में एचडीआइएल और वधावन की संपत्ति जल्द से जल्द बेची जानी चाहिए।
जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस एसपी तावड़े की पीठ वकील सरोश दमनिया द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याची वकील ने ईओडब्ल्यू और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की गई संपत्तियों का तुरंत निपटारा करने और पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं का शीघ्र भुगतान कराने का निर्देश देने की मांग की है। इससे पहले कोर्ट के पिछले निर्देश पर एचडीआइएल के प्रबंधनिदेशक सारंग वधावन ने बुधवार को संपत्ति की सूची के साथ एक शपथ पत्र पेश किया था। वधावन ने यह भी कहा है कि बैंक का कर्ज चुकता करने के लिए कंपनी की संपत्ति बेची जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफआइआर के अनुसार, बैंक का कर्ज 4,355 करोड़ रुपये है। जब्त की गई संपत्ति की कीमत 11,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह जरूरत से ज्यादा है। चौधुरी ने दोनों वधावन को जमानत देने की मांग की ताकि वे दोनों संपत्ति बेचने में सहायता कर सकें। पीठ ने दलील ठुकरा दी। दलील सुनने के बाद पीठ ने दमानिया की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब है कि पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में सामने आए भारी घोटाले के बाद से सहकारी क्षेत्र के बैंकों पर नियंत्रण को लेकर आवाजें उठ रही हैं। इस सेक्टर पर लगाम कसने और बेहतर निगरानी के लिए उच्च स्तर पर विमर्श भी चल रहा है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए रिजर्व बैंक ने अब इस सेक्टर की लगाम अपने हाथ में लेने का प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय बैंक ने वित्त मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखकर सहकारी बैंकों का पूरा नियंत्रण देने को कहा है।