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Raj Kundra Case: राज कुंद्रा पर आनलाइन गेम के जरिए भी फ्राड का आरोप

Raj Kundra Case राज कुंद्रा पर अब आनलाइन गेम के जरिए भी बड़ा फ्राड करने का आरोप लग रहा है। आरोप भाजपा विधायक राम कदम ने लगाया। राम कदम कहते हैं कि यदि राज कुंद्रा पर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे गृहमंत्री व मुख्यमंत्री तक जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 07:39 PM (IST)
Raj Kundra Case: राज कुंद्रा पर आनलाइन गेम के जरिए भी फ्राड का आरोप
राज कुंद्रा पर आनलाइन गेम के जरिए भी फ्राड का आरोप। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। अश्लील फिल्में बनाने व उन्हें अलग-अलग प्लेटफार्म्स पर प्रदर्शित करने के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में चल रहे कारोबारी राज कुंद्रा पर अब आनलाइन गेम के जरिए भी बड़ा फ्राड करने का आरोप लग रहा है। यह आरोप मुंबई के भाजपा विधायक राम कदम ने लगाया है। राम कदम ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की कंपनी विआन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गेम आफ डाट (जीओडी) नामक एक आनलाइन गेम शुरू किया था। इस गेम के लिए देश भर में डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करने के नाम पर करोड़ों रुपये जमा किए गए। फिर उन डिस्ट्रीब्यूटरों से हर तरह का संपर्क बंद कर दिया गया। राज कुंद्रा ने डिस्ट्रीब्यूटरों को लुभाने के लिए अपनी पत्नी शिल्पा शेट्टी के नाम का भी इस्तेमाल किया। सूत्रों के अनुसार, कुंद्रा की कंपनी के प्रतिनिधि डिस्ट्रीब्यूटरों से 25 लाख रुपये मांगते थे, लेकिन बातचीत आगे बढ़ने पर 10-15 लाख में भी डिस्ट्रीब्यूटर बना देते थे। बदले में उन्हें बड़ी स्क्रीन व कंप्यूटर इत्यादि भी देने का वायदा किया जाता था।

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राजू नामक एक डिस्ट्रीब्यूटर का कहना है कि उसने राज की कंपनी में 10 लाख रुपये का निवेश किया था। तीन महीने तक कोई प्रगति नहीं होने पर जब वह कंपनी को अधिकारियों से मिलने गया तो उसे वहां से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया। जब वह इसकी शिकायत दर्ज करने पुलिस के पास पहुंचा, तो उलटे उसी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर दी गई। जाहिर है डिस्ट्रीब्यूटर बने मुंबई के बाहर के लोगों का तो राज कुंद्रा के आफिस तक पहुंचना भी मुश्किल रहा होगा। राम कदम कहते हैं कि यदि राज कुंद्रा पर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे पुलिस आयुक्त, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री तक जाएंगे। हम भी समझना चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार ने लोगों के साथ हुए इस धोखे और अन्याय को कैसे बर्दाश्त किया। 


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