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महाराष्ट्र में ओबीसी कार्ड खेलने की तैयारी में भाजपा

Maharashtra देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि राज्य में जिला परिषद-पंचायत समिति के चुनाव करवाए गए तो भाजपा सभी सीटों पर सिर्फ अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार ही उतारेगी। भाजपा गुरुवार को ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण देने के समर्थन में राज्य में चक्का जाम करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:03 PM (IST)
महाराष्ट्र में ओबीसी कार्ड खेलने की तैयारी में भाजपा
महाराष्ट्र में ओबीसी कार्ड खेलने की तैयारी में भाजपा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि राज्य में जिला परिषद-पंचायत समिति के चुनाव करवाए गए तो भाजपा सभी सीटों पर सिर्फ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवार ही उतारेगी। भाजपा गुरुवार को ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण देने के समर्थन में राज्य में चक्का जाम भी करने जा रही है। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार ने मानसून सत्र सिर्फ दो दिन का रखने का निर्णय किया है। बुधवार को इसके विरोध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सरकार कोरोना के डेल्टा वर्जन की बात कहकर मानसून सत्र तो दो दिन का कर रही है, लेकिन राज्य में जिला परिषद एवं पंचायत समिति के चुनाव नहीं रोक रही है। जबकि इसका सीधा नुकसान राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग को होगा क्योंकि उसका राजनीतिक आरक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद किया जा चुका है। फड़नवीस के अनुसार जब तक यह आरक्षण बहाल न हो, तब तक चुनाव टाले जाने चाहिए। यदि सरकार ये चुनाव करवाने पर अड़ी रही तो भाजपा इन चुनावों में सभी सीटों पर सिर्फ ओबीसी उम्मीदवार ही खड़े करेगी। चाहे जीतें, चाहे हारें, वह अपने उम्मीदवार किसी और वर्ग से खड़े नहीं करेगी।

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महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग भाजपा का पुराना जनाधार रहा है। इस वर्ग के गोपीनाथ मुंडे जैसे नेता भाजपा में शीर्ष नेतृत्व संभालते रहे हैं। अब विपक्ष में बैठी भाजपा अपने इस बड़े वोट बैंक को एक बार फिर से मजबूत करना चाहती है। यही कारण है कि ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिए जाने के समर्थन में भाजपा ने 24 जून को राज्य में चक्का जाम का आयोजन किया है। फड़नवीस ने कहा कि सरकार सिर्फ दो दिन का मानसून सत्र बुलाकर अपनी नाकामियों पर चर्चा से बचना चाहती है। चूंकि उसके घपले-घोटाले बाहर आ रहे हैं, इससे चिंतित सरकार सदन में चर्चा ही नहीं करना चाहती। इसलिए हमने राज्यपाल को ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि वह सरकार से पूर्ण अवधि का अधिवेशन बुलाने को कहें। महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष का पद लंबे समय से खाली पड़े होने पर भी सवाल उठाते हुए फड़नवीस ने कहा, इससे पता चलता है कि इस सरकार में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा गई है। इस संबंध में हमने राज्यपाल से राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने का भी आग्रह किया है।


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