Maharashtra Assembly Session: ठाकरे सरकार को भाजपा ने घेरा, किसानों से लेकर कोरोना तक कार्यशैली पर उठाए सवाल
Maharashtra Assembly Winter Session महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे भाजपा ने ठाकरे सरकार को विधानसभा के अंदर और बाहर घेरा नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस किसानों से लेकर कोरोना तक के मुद्दों पर उद्धव सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। सिर्फ दो दिन के लिए बुलाए गए महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विपक्षी दल भाजपा ने शिवसेनानीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को सदन के अंदर एवं बाहर जमकर घेरा। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने किसानों से लेकर कोरोना तक के मुद्दों पर उद्धव सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
शिवसेना नेताओं द्वारा अक्सर कहा जाता है कि महाराष्ट्र में राज कर रही महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार पांच साल नहीं पूरे 25 साल राज करेगी। आज इस दावे पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि आप यह राज्य चाहे 25 वर्ष चलाइए, चाहे 27 वर्ष, लेकिन इसे कायदे से चलाइए। दिल्ली में इन दिनों संप्रग एवं वामदलों के समर्थन से ही किसान आंदोलन चल रहा है।
अघाड़ी सरकार पर कसा तंज
महाराष्ट्र विधानसभा में देवेंद्र फड़नवीस ने किसानों के ही मुद्दे पर अघाड़ी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राजा उदार हुआ तो हाथ में कद्दू दे दिया। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री किसानों को 3000 रुपए का चेक देते हैं, तो मुख्यमंत्री का अपमान नहीं होता क्या ? फड़नवीस ने कोरोना काल के दौरान अपनाई गई राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य में हुए भ्रष्टाचार पर वह एक पुस्तिका का प्रकाशन करेंगे।
फड़नवीस ने कंगना रनोट एवं अर्नब गोस्वामी प्रकरणों का किया जिक्र
देश में कोरोना से सर्वाधिक मृत्यु महाराष्ट्र में हुई हैं, और आज भी हो रही हैं। इसके बावजूद सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर प्रकाशित की गई प्रगति पुस्तिका में कोरोना को 97वें पृष्ठ पर स्थान दिया गया है। इससे सरकार की प्राथमिकता का पता चलता है।
फड़नवीस ने कंगना रनोट एवं अर्नब गोस्वामी प्रकरणों का जिक्र करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था का भी प्रश्न उठाया। उन्होंने का कि एक सरकार के तौर पर आप किस तरह से काम करते हैं, यह महत्त्वपूर्ण होता है। कानून के राज में कानून से ही उत्तर दिया जाना चाहिए। आज कोई कुछ लिख दे, तो वह गिरफ्तारी हुए बिना नहीं बचेगा।
यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं
फड़नवीस ने कहा कि कंगना एवं अर्नब ने महाराष्ट्र एवं मुख्यमंत्री के बारे में जो कहा, हम उससे सहमत नहीं है। लेकिन यहां कानून का राज्य है। ये पाकिस्तान नहीं है। यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं। सरकार को कानून के अनुसार ही काम करना चाहिए। दूसरी ओर महिला सुरक्षा एवं मराठा आरक्षण के मुद्दों पर भी पहले भाजपा सदस्यों ने विधान परिषद में सरकार को घेरा, फिर विधान परिषद का बहिष्कार कर विधानसभा के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। विधान परिषद में नेता विरोधीदल प्रवीण दरेकर ने आरोप लगाया कि सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। मराठा समाज के लिए आरक्षण कायम रखने के लिए सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में पूरा प्रयास करना चाहिए। उसे ध्यान रखना चाहिए कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में कोई कटौती न हो।
उद्धव ने दिया जवाब
देवेंद्र फड़नवीस के आरोपों का उत्तर देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आरोप करना आपका अधिकार है। लेकिन आरोप लगाते समय सकारात्मक पक्ष भी देखा जाना चाहिए। संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हो पा रहा है। हमने सत्र आयोजित किया है, क्योंकि यहां कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। यहां के धारावी माडल की प्रशंसा दुनिया में हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं वाशिंगटन पोस्ट को यह उपलब्धि दिखाई देती है, तो आपको क्यों नहीं दिखाई देती।