Money Laundering Case: ईडी ने जब्त की अनिल देशमुख की 4.20 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति
Money Laundering Case ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की चार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई अनिल देशमुख पर चल रहे मनी लांड्रिंग केस के तहत की गई है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की चार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई देशमुख पर चल रहे मनी लांड्रिंग केस के तहत की गई है। देशमुख व उनका परिवार ईडी के कई सम्मनों के बावजूद उसके सामने पेश होने से बचते आ रहे हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार, पीएमएलए एक्ट के तहत अनिल देशमुख की कुछ ऐसी संपत्तियों की कुर्की के प्रारंभिक आदेश जारी किए गए हैं, जो सीधे उनके नाम पर तो नहीं हैं, लेकिन इन संपत्तियों पर उनका कब्जा है। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 4.20 करोड़ रुपये आंकी गई है। इनमें मुंबई के वर्ली स्थित एक फ्लैट भी शामिल है। यह फ्लैट उनकी पत्नी के नाम पर है। इसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये आंकी गई है।
2004 में खरीदे गए इस फ्लैट की पूरी कीमत नकद चुकाई गई थी, लेकिन इसकी रजिस्ट्री 2020 में हुई। जब अनिल देशमुख राज्य के गृहमंत्री थे। ईडी ने देशमुख परिवार की रायगढ़ स्थित एक संपत्ति भी कब्जे में ली है, जिसकी कीमत 2.67 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह संपत्ति उनके परिवार की हिस्सेदारी वाली एक कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्रालि के नाम पर है। ईडी का कहना है कि इस कंपनी के पास भूखंड व कुछ दुकानें मिलाकर 5.34 करोड़ की संपत्ति है। कंपनी में 50 फीसद हिस्सेदारी देशमुख परिवार ने सिर्फ 17.95 लाख रुपये देकर खरीदी थी। यह रकम भी काफी बाद में अदा की गई थी। अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग का आरोप लगने के बाद ईडी व सीबीआइ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने इसी वर्ष मार्च में आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाकर मुंबई के आर्क्रेस्ट्रा बार व रेस्टोरेंट्स से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूल करने का टार्गेट दिया था। इस टार्गेट के अनुसार, हर आर्क्रेस्ट्रा बार से हर महीने तीन लाख रुपये की वसूली की जानी थी। ईडी के अनुसार, मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे ने देशमुख के आदेशानुसार कुछ बारों से सिर्फ तीन महीने में 4.70 करोड़ रुपये वसूलकर देशमुख के एक सहायक को दिए। ये पैसे दिल्ली की 11 फर्जी कंपनियों को हवाला के जरिए भेजे गए। जहां से 4.18 करोड़ रुपये दान स्वरूप अनिल देशमुख के एक पारिवारिक ट्रस्ट को भेजे गए। ईडी इस पूरे लेनदेन के बारे में अनिल देशमुख, उनकी पत्नी आरती व पुत्र ऋषिकेश से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन ईडी के सामने आने से ये तीनों कतराते आ रहे हैं।