Maharashtra: अर्नब गोस्वामी पर अन्वय नाइक की आत्महत्या की धमकी की अनदेखी का आरोप
Maharashtra पुलिस ने शुक्रवार को अलीबाग कोर्ट में अर्नब के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इसी अदालत में नाइक और उसकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों की सुनवाई हो रही है। अर्नब के अलावा आरोपपत्र में फिरोज शेख और नीतीश सारडा को भी आरोपित बनाया गया है।
मुंबई, प्रेट्र। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में कहा गया कि उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की धमकी पर ध्यान नहीं दिया कि यदि उसके बकाए का भुगतान नहीं किया गया, तो वह आत्महत्या कर लेगा। आरोपपत्र में कहा गया कि नाइक बकाए का भुगतान नहीं किए जाने के चलते मानसिक तनाव में था। उसने पहले अपनी मां की गला दबाकर हत्या की और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी मां कारोबार में उसकी साझेदार भी थीं। पुलिस ने शुक्रवार को अलीबाग कोर्ट में अर्नब के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इसी अदालत में नाइक और उसकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों की सुनवाई हो रही है। अर्नब के अलावा आरोपपत्र में फिरोज शेख और नीतीश सारडा को भी आरोपित बनाया गया है।
आरोपपत्र के मुताबिक, नाइक ने आरोपितों से कहा था कि यदि उसके बकाए का भुगतान नहीं किया गया, तो वह आत्महत्या कर लेगा। हालांकि, आरोपितों ने उसकी धमकी की अनदेखी की और कहा कि उसके मन में जो आता है, वह कर ले। आरोपितों ने नाइक के बकाए का भुगतान नहीं किया, जिससे वह मानसिक तनाव का शिकार हो गया।
गौरतलब है कि अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने के करीब 15 दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को बेल दिए जाने के कारणों को स्पष्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या मामले में 11 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के मामले में दी गई अंतरिम जमानत के लिए विस्तृत आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन उनके खिलाफ आरोप स्थापित नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब की 2018 में आत्महत्या मामले में अंतरिम जमानत तब तक जारी रहेगी, जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट उनकी याचिका का निपटारा नहीं कर देता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब की अंतरिम जमानत अगले चार सप्ताह के लिए होगी, जिस दिन से मुंबई हाईकोर्ट ने आत्महत्या के मामले में उनकी जमानत याचिका पर फैसला किया।