आदर्श घोटाले में नहीं चलेगा अशोक चह्वाण पर मुकदमा
अशोक चह्वाण पर सन 2000 में राजस्व मंत्री रहते पद का दुरुपयोग कर अपने रिश्तेदारों को फ्लैट आवंटित करवाने का आरोप लगा था।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को बांबे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। जस्टिस रंजीत मोरे एवं साधना जाधव की खंडपीठ ने आदर्श घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी को रद कर दिया है। उन पर अब मुकदमा नहीं चलेगा।
महाराष्ट्र के इसी बहुचर्चित घोटाले के कारण चह्वाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआइ ने राज्य में भाजपा सरकार आने के कुछ माह बाद ही राज्यपाल विद्यासागर राव से चह्वाण पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। राज्यपाल ने पिछले साल यह अनुमति दे दी थी। इसके बाद सीबीआइ सीआरपीसी की धारा 197, आइपीसी की धारा 120बी एवं 420 के तहत चह्वाण पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही थी। चह्वाण ने राज्यपाल की अनुमति को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
यह है मामला
आदर्श घोटाला अशोक चह्वाण के मुख्यमंत्री रहते सामने आया था। उन पर सन 2000 में राजस्व मंत्री रहते पद का दुरुपयोग कर अपने रिश्तेदारों को फ्लैट आवंटित करवाने का आरोप लगा था। कारगिल युद्ध में शहीद जवानों की विधवाओं को फ्लैट देने के लिए बनाई गई इस 31 मंजिला इमारत में अनेक नेताओं, नौकरशाहों एवं सैन्य अधिकारियों ने फ्लैट ले लिए थे। मामला सामने आने के बाद चह्वाण को त्यागपत्र देना पड़ा था। नए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने 2011 में दो सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया था। इस समिति ने कहा था कि 25 फ्लैट गैरकानूनी तौर पर आवंटित किए गए।