Bhima Koregaon case: गौतम नवलखा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दी
Bhima Koregaon case भीमा कोरेगांव मामले मे अभियुक्त गौतम नवलखा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है जिस पर वीरवार को सुनवाई होनी है।
मुंबई, एएनआइ। भीमा कोरेगांव मामले में अभियुक्त गौतम नवलखा ने बुधवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है, जिस पर वीरवार को सुनवाई होनी है। नवलखा की अग्रिम जमानत अर्जी को पुणे सेशंस कोर्ट ने 12 नवंबर को खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि स्थानीय सत्र अदालत ने मंगलवाक को एलगार परिषद मामले में गिरफ्तार माओवादी कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। नवलखा ने पांच नवंबर को अग्रिम जमानत के लिए सत्र अदालत में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 15 अक्टूबर को गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। बांबे हाई कोर्ट द्वारा अपने ऊपर से मामला खत्म करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल गिरफ्तारी से उन्हें राहत देते हुए स्थानीय अदालत जाने को कहा था।
पुलिस के अनुसार, नवलखा ने 31 दिसंबर, 2017 को भीमा कोरेगांव में आयोजित एल्गार परिषद में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके चलते वहां जातीय हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का कहना है कि एल्गार परिषद को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सुधा भारद्वाज और वरवर राव सहित 10 माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन नवलखा की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। नवलखा और अन्य माओवादियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की एक और पीठ ने बीते तीन अक्टूबर को नवलखा की याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने अदालत में पुणे पुलिस के जरिए अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद करने के लिए याचिका दाखिल की हुई है।जस्टिस अरुण मिश्रा, विनीत शरण और एस रवींद्र भट्ट की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई के लिए मामला आया था। जस्टिस भट्ट ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद अदालत ने यह मामला दूसरी पीठ के पास भेज दिया था। हालांकि यह तीसरी बार था, जब किसी जज ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। एक अक्टूबर को जज एनवी रमन, बीआर गवई और आर. सुभाष रेड्डी की तीन सदस्यीय पीठ ने नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।