Maharashtra: ठाणे में 21 विदेशियों समेत तब्लीगी जमात के 28 लोग बरी
Tabligi Jamaat ठाणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 21 विदेशी नागरिकों समेत तब्लीगी जमात के 28 सदस्यों को दो अलग-अलग मामलों से बरी कर दिया है।
ठाणे, प्रेट्र। Tabligi Jamaat: महाराष्ट्र के ठाणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 21 विदेशी नागरिकों समेत तब्लीगी जमात के 28 सदस्यों को दो अलग-अलग मामलों से बरी कर दिया है। इन लोगों के खिलाफ कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के प्रोटोकाल के खिलाफ जाने और दिल्ली में मार्च में तब्लीगी जमात के विवादास्पद घटनाक्रम के बाद यह केस दर्ज किए गए थे। जमात के विदेशी नागरिकों पर वीजा नियमों के उल्लंघन का भी आरोप था। पिछले हफ्ते बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने भी दिल्ली के कार्यक्रम के बाद मुंबई आए 29 अन्य विदेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज ऐसी ही दो एफआइआर खारिज कर दी थीं। हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए मजिस्ट्रेट आरएच झा ने मंगलवार को कहा कि तब्लीगी जमात के 28 सदस्य उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर से बरी किए जाने के हकदार हैं।
बचाव पक्ष के वकील इस्माइल शेख ने कहा कि 13 बांग्लादेशी, आठ मलेशियाई, चार भारतीय और चार ट्रस्टी ने विदेशी नागरिकों की मुंबई में रहने में मदद की है। इन पर पुलिस ने विदेशी अधिनियम 1946, महामारी अधिनियम 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की आइपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। शेख ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि चार्जशीट में इन आरोपों के कोई सुबूत नहीं दिए गए हैं। 21 अगस्त के औरंगाबाद खंडपीठ के आदेश में कहा गया कि तब्लीगी के कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को बलि का बकरा बनाया गया है। उन पर आरोप लगाया गया कि वह देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने के जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि मुंबई उच्चन्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने माना था कि इस साल मार्च में दिल्ली में हुए तबलीगी जमात मर्कज में आए विदेशी जमातियों को कोविड-19 महामारी फैलाने का आरोप लगाकर उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया गया। उच्चन्यायालय ने ये विचार कुछ जमातियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यक्त किए, और उनके विरुद्ध दर्ज एफआइआर खारिज कर दी थी।