Move to Jagran APP

आयुसीमा के आधार पर न करें नीट एग्जाम से वंचित: हाईकोर्ट

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयुसीमा के आधार पर नीट एग्जाम-2017 से वंचित न किए जाने का राहतकारी आदेश सुनाया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 05:03 AM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 05:17 AM (IST)
आयुसीमा के आधार पर न करें नीट एग्जाम से वंचित: हाईकोर्ट
आयुसीमा के आधार पर न करें नीट एग्जाम से वंचित: हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयुसीमा के आधार पर नीट एग्जाम-2017 से वंचित न किए जाने का राहतकारी आदेश सुनाया। इसके तहत 25 वर्ष की आयुसीमा पार कर चुके सामान्य वर्ग के आवेदकों के परीक्षा फॉर्म स्वीकार किए जाने की व्यवस्था दी गई है।
 मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व जस्टिस एसके गंगेले की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता दीपिका उपाध्याय सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सामान्य वर्ग की उम्मीदवार है। वह 25 वषर्ष की आयु पार कर चुकी है। इस वजह से उसे नीट एग्जाम से वंचित किया जा रहा है। चूंकि ऐसा करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 व 19 की मूलभावना के विपरीत है, अत: न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई। ऐसा इसलिए भी क्योंकि देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी योग्यता के अनुरूप मनपसंद प्रोफेशन में जाने का अधिकार है। महज आयुसीमा के आधार पर उसे उसका सपना साकार करने से वंचित नहीं किया जा सकता।
नीट एग्जाम का मनमाना रूल निरस्त किया जाए- अधिवक्ता आदित्य संघी ने जोर दिया कि नीट एग्जाम-2017 का मनमाना रूल- 1-पी कठघरे में रखे जाने योग्य है। कायदे से इसे अनुचित होने के कारण निरस्त किया जाना चाहिए। सामान्य वर्ग के आवेदकों की आयुसीमा 25 वर्ष किए जाने का तुक समझ के परे है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आमतौर पर छात्र-छात्राएं प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए साल-दो साल गैप लेकर प्रिपरेशन करते हैें। ऐसे में उनकी आयु ब़ढना लाजिमी सी बात है। यदि सरकार को ऐसा कोई नियम लाना ही था, तो इस बारे में पहले सूचित करना था। चूंकि ऐसा नहीं किया गया, अत: हाईकोर्ट की शरण ली गई है।
 अमेरिका निवासी को भी मिली राहत- हाईकोर्ट ने जो राहतकारी आदेश पारित किया, उससे अमेरिका के टैक्सास में कार्यरत प्रतीक चौदहा नामक युवक को भी चिंता से मुक्ति मिल गई। ऐसा इसलिए क्योंकि वह 25 वर्ष की आयुसीमा पार करने के बावजूद नीट एग्जाम में बैठकर एमबीबीएस डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकेगा। उसकी ओर से अधिवक्ता निखिल तिवारी ने पक्ष रखा।

loksabha election banner

मप्रः रायसेन के पास खाईं में बस गिरने से तीन की मौत, 2 दर्जन से ज्यादा घायल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.