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इंदौर: एक शहर में बसी कई दुनिया

देखने में यह एक कोलोनियल काल की एक विशाल कोठी जैसी है लालबाग महल। इसे होल्कर नरेश तुकोजीराव ने बनवाया था इसका विशाल गेट बकिंघम पैलेस के गेट की हूबहू कॉपी है।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:11 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 12:48 AM (IST)
इंदौर: एक शहर में बसी कई दुनिया

मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी है इंदौर। यहां आकर भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को जीता-जागता महसूस कर सकते हैं। इंदौर शहर एक मिसाल है उस स्वर्णिम युग की जिसे होल्कर राजाओं ने अपने पराक्रम से सजाया-संवारा। इंदौर मध्य प्रदेश का व्यावसायिक हब है। मुंबई से करीब है और गुजरात से भी जुड़े होने के कारण आर्थिक रूप से ही सक्रिय नहीं कई मायनों में अव्वल है। इंदौर इतिहास, सांस्कृतिक धरोहरें, बाजार और खानपान हर दृष्टि से खास है।

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यहां पसरी है होल्करों की यादें
इंदौर का नाम जुड़ा है राजवाड़ा से। यह ऐतिहासिक महल होलकर शासकों का निवास स्थान रहा है। इसका निर्माण सन 1747 में होलकर वंश के संस्थापक श्रीमंत मल्हार राव होलकर ने करवाया। वे यहां वर्ष 1880 तक रहे थे। शहर के बोची-बीच और व्यस्ततम खजूरी बाजार में स्थित यह सातमंजिली इमारत दूर से ही आकर्षित करता है।

यह सजावट चकित कर देगी
देखने में यह एक कोलोनियल काल की एक विशाल कोठी जैसी है लालबाग महल। इसे होल्कर नरेश तुकोजीराव ने बनवाया था इसका विशाल गेट बकिंघम पैलेस के गेट की हूबहू कॉपी है।

250 सालों से गुलजार ये बाजार
इंदौर सालों से मध्यभारत का बड़ा व्यापारिक केंद्र रहा है। सोने-चांदी के लिए सराफा बाजार, किराना के लिए सियागंज बाजार, कपडों के लिए कपड़ा बाजार, मसालों के लिए मारोठिया बाजार, शक्कर बाजार- शकर के लिए, धान गली- अनाज के कारोबार के लिए अब भी पूरे इलाके के बड़े व्यापारिक केंद्र हैं ।

पूर्वनियोजित शहरों में अव्वल

इंदौर देश के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जिसकी बसाहट के लिए मास्टर प्लान बनाया गया। होलकर शासक ने इसके लिए विदेश से योजनाकारों को बुलवाया था। उस समय अंडरग्राउंड ड्रेनेज, आग बुझाने की लाइन की न केवल प्लानिंग हुई, बल्कि बकायदा उसकी व्यवस्था भी शहर में की गई।

सर्राफा बाजार का लजीज जायका
इंदौर का सर्राफा बाजार एक पुराना बाजार है जो दिन के समय आर्थिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र बना रहता है। पर रात आठ बजते ही बंद हो जाता है और सज जाती हैं खानपान की दुकानें। दूध से रबड़ी और रबड़ी से मालपुए भी काफी मशहूर हैं।

लीजिए मालवी स्वाद का आनंद
यहां मिलने वाले गुजराती पकवानों में खमण, ढोकला जैसे नाम तो प्रसिद्ध हैं ही लेकिन उस पेटिस की भी खास पहचान है जिसमें मालवी तडक़ा लगाया जाता है। इंदौर के इतवारिया बाजार क्षेत्र में आप कांच का बना जैन मंदिर देख सकते हैं। राजवाड़ा परिसर में मल्हारी मार्तंड का मंदिर भी है।

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