इलाज से लेकर अंतिम संस्कार तक इंदौर का ये ट्रस्ट पहुंचाता है मदद
बीमारी एक ऐसी विपदा है जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से तोड़ कर रख देती है।
धरती पर यदि ईश्वर है तो उसे ढ़ूंढ़ना कठिन नहीं है, क्योंकि ईश्वर तो आप, हम और हमारे जैसे सभी इंसानों में बसता है। किसी भी इंसान की जरूरत के समय या बीमारी में कुछ मदद की जाए तो संभवत: वह दुनिया में सबसे अमूल्य होती है। बीमारी एक ऐसी विपदा है जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से तोड़ कर रख देती है। एक बीमार व्यक्ति के साथ उसका पूरा परिवार दर्द का भागी बनता है। यदि इलाज के लिए पैसे न हों तो फिर तो सांसे भी जिंदगी की जंग हारने लगती हैं। ऐसी ही जंग हारती सांसों को मिलता है पाकीजा चेरिटेबल ट्रस्ट का सहारा। पिछले 35 सालों से लगातार दवाईयों का वितरण, विकलांगों को उपकरण उपलब्ध कराना, रियायती दरों पर पैथेलॉजी जांच, असहाय परिवारों का धर्मानुसार अंतिम संस्कार आदि ऐसे कुछ कार्य हैं जो पाकीजा परिवार द्वारा लगातार किए जा रहे हैं।
पाकीजा परिवार के मेहबूब हुसैन गौरी ने बताया कि हमारे परिवार में सभी के लिए 6 नियम निर्धारित हैं जिनका हर सदस्य को पालन करना होता है। समाज सेवा इसमें प्राथमिक नियम है और हर सदस्य इसका पालन करता है। हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम समाज से कुछ ले रहे हैं तो उसके बदले में उसे क्या लौटा रहे हैं। इसलिए हमने तय किया कि हमारे परिवार की आय का एक निश्चित हिस्सा इस कार्य में ही जाएगा। उन्होंने कहा कि कई लोग तो इतने बदनसीब होते हैं कि उन्हें मौत के बाद कफन या कपड़ा तक नहीं मिल पाता है। संस्था द्वारा शव परीक्षण के बाद लगने वाला कपड़ा धर्मानुसार हर किसी को उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में संस्था ने एमवाय हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर के लिए लाखों रुपए की मशीन डोनेट की है। यह सिलसिला समय-दर-समय जारी बना हुआ है।
2 घंटे सेवा के बाद शुरू होता है काम
परिवार के सबसे बड़े भाई मंजूर हुसैन गौरी का सेवाभाव यहां पर एक कदम आगे चला जाता है। सालों से वे ऑफिस का काम शुरू करने के पहले 2 घंटे के लिए एमवाय हॉस्पिटल जाते हैं। वहां मानव सेवा करने के बाद ही काम की शुरुआत करते हैं। यह सिलसिला कई दशकों से बना हुआ है।
300 से अधिक दवाइयां निशुल्क
संस्था की ओर से नियमित तौर पर पैथालॉजी टेस्ट, एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई, एंजियोग्राफी आदि जांचें व्यक्तिगत आवश्यकता अनुसार रियायती दरों पर कराता है। इसके लिए निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट द्वारा भी पूरा सहयोग दिया जाता है। संस्था द्वारा एमवाय हॉस्पिटल में स्थापित दुकान के जरिए 300 से ज्यादा तरह की दवाइयां निशुल्क दी जाती हैं। रोज करीब 250 लोग इसका लाभ लेते हैं।