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भय्यू महाराज की बेटी बोली- मुझे पता है क्या चल रहा है, वक्त आने पर दूंगी जवाब

कुहू ने अभी स्पष्ट तौर पर कुछ न कहते हुए आश्रम में सेवादार के आपसी विवाद, ट्रस्ट से जुड़े मुद्दे और भय्यू महाराज की मौत के कारणों पर बात करने के लिए थोड़ा इंतजार करने की बात कही।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 09:31 PM (IST)
भय्यू महाराज की बेटी बोली- मुझे पता है क्या चल रहा है, वक्त आने पर दूंगी जवाब
भय्यू महाराज की बेटी बोली- मुझे पता है क्या चल रहा है, वक्त आने पर दूंगी जवाब

इंदौर, जागरण स्पेशल। मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज की मौत के छह महीने बाद हो रहे खुलासों पर उनकी बेटी कुहू का बड़ा बयान सामने आया है। कुहू ने कहा है कि वक्त आने पर मुझसे जुड़े हर सवालों का जवाब दूंगी। मुझे पता है यहां क्या चल रहा है। पुणे में मेरे सेमेस्टर एग्जाम चल रहे थे, मैं उसकी तैयारी में लगी हुई थी। मैं अपनी नानी के साथ हूं। आश्रम, ट्रस्ट और बाबा से जुड़े लोग अलग-अलग बातें कर रहे हैं। मीडिया में जो बातें आ रहीं, उनकी क्लिपिंग मेरे पास है। 

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कुहू ने अभी स्पष्ट तौर पर कुछ न कहते हुए आश्रम में सेवादार के आपसी विवाद, ट्रस्ट से जुड़े मुद्दे और भय्यू महाराज की मौत के कारणों पर बात करने के लिए थोड़ा इंतजार करने की बात कही। उन्होंने समय आने पर अपना पक्ष रखने की बात कही है। कुहू अभी इंदौर में ही भय्यू महाराज के स्कीम नंबर 78 स्थित निवास पर हैं। यहां भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी डॉ आयुषी और मां कुमदिनी भी हैं। आश्रम से जुड़े लोगों के अनुसार, पिछले दिनों भी वे इंदौर आई थीं।  

ट्रस्टी बनने के सवाल पर चुप्पी 
सद्गुरु दत्त पारमार्थिक ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने पर भी कुहू ने चुप्पी साध रखी है। भय्यू महाराज की पत्नी को ट्रस्टी बनाने के बाद ट्रस्ट ने कुहू को भी ट्रस्टी बनने का प्रस्ताव पत्र भेजा था। इस पर कुहू का कोई जवाब अब तक नहीं आया है। इस बीच कई बार आयुषी को ट्रस्टी बनाने को लेकर भी विरोध की स्थिति बन चुकी है। 22 सितंबर को कुहू के बालिग होने के बाद ट्रस्ट द्वारा विधिवत रूप से कुहू को ट्रस्टी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इसमें अब सिर्फ कुहू की स्वीकृति बाकी है। सचिव तुषार पाटिल का कहना है कि हमने अपनी ओर से प्रक्रिया पूरी कर दी है। अब उनके जवाब का इंतजार है। 

महाराष्ट्र के अनुयायियों की बैठक टली
तीन दिसंबर को महाराष्ट्र से आए भय्यू महाराज के अनुयायियों ने आश्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर एक सप्ताह के भीतर बैठक करने का निर्णय लिया था। इसमें डॉ आयुषी को घर का खर्च देने के साथ ही आपसी विवादों के निराकरण पर भी चर्चा होना थी लेकिन अब आए दिन हो रहे नए खुलासों के चलते बैठक के मुद्दे दब गए और बैठक आगे बढ़ गई है। अब बैठक दत्त जयंती के दौरान हो सकती है।

शेखर को अक्सर साथ रखते थे भय्यू महाराज
ड्राइवर कैलाश पाटिल ने ब्लैकमेलिंग मामले में विनायक के साथ शेखर का नाम लिया है। शेखर भय्यू महाराज से करीब आठ साल से जुड़ा हुआ था। आश्रम और ट्रस्ट में उसकी कोई स्पष्ट भूमिका नहीं थी लेकिन महाराज उसे अकसर साथ रखते थे। महाराज जब भी टूर पर जाते थे तो वह उनके साथ जाता था। अकोला का रहने वाला शेखर भय्यू महाराज की मौत के करीब दो महीने बाद वापस चला गया। हालांकि 3 दिसंबर को मौत की सीबीआई जांच की मांग के लिए निकाली गई रैली में वह शामिल होने वापस आया था। 


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