ग्वालियर के खाते में दर्ज होंगी दो और उपलब्धियां
ग्वालियर। यदि सब कुछ ठीक रहा तो ग्वालियर के खाते में जल्द ही दो उपलब्धियां होंगी। एक रक्षा क्षेत्र की और दूसरी दवा क्षेत्र की।
दरअसल, मालनपुर में स्वदेशी तकनीक से एंटी एयरक्राफ्ट गन विकसित की जा रही है। इससे रात में भी निशाना साधा जा सकेगा। यह 15 सेकंड में 175 से अधिक राउंड फायर करेगी। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा उपकरण निर्माता कंपनी पुंज लॉयड के मालनपुर प्लांट में विकसित इस गन की ट्रायल कश्मीर में सेना द्वारा ली जा रही है। वहीं, दवा कंपनी रैनबेक्सी मालनपुर में 300 करोड़ रुपए का निवेश कर एंटी कैंसर ड्रग बनाएगी।
पुंज लॉयड ने विकसित की एंटी एयरक्राफ्ट गन
पूर्णत: स्वदेशी तकनीक से बनाई गई इस एंटी एयरक्राफ्ट गन का विकास पुंज लॉयड के मालनपुर स्थित प्लांट में ही किया गया है। रात में भी फायर करने सक्षम इस गन का निर्माण सबसे पहले 1976 में रूस में किया गया था। इसके बाद यह भारत में आई। लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते रक्षा मंत्रालय ने इसके विकास की जिम्मेदारी चार सुरक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों को सौंपी है। इसमें पुंज लॉयड भी शामिल है।
कंपनी अपना काम पूरा कर चुकी है। एंटी एयरक्राफ्ट गन अभी सेना की ट्रायल में है। हमारे मुकाबले में तीन और कंपनियां भी हैं। सरकार को जिसकी तकनीक सस्ती और बेहतर लगेगी उसे ही कॉन्ट्रेक्ट हासिल होगा- दीपुल अग्रवाल, डिप्टी जीएम पुंज लॉयड।
रैनबेक्सी नए प्लांट में एंटी कैंसर ड्रग बनाएगी
दवा निर्माता कंपनी रैनबेक्सी, मालनपुर में 22 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 300 करोड़ रुपए का निवेश कर नया ड्रग प्लांट लगाने जा रही है। यहां एंटी कैंसर के साथ अन्य बल्क ड्रग का निर्माण किया जाएगा। कंपनी के महाप्रबंधक एसके बहल ने दैनिक भास्कर को बताया कि शासन के साथ भूमि आवंटन संबंधी अधिकांश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संभवत: वर्ष 2013 की शुरुआत से नए प्लांट का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस प्लांट से अंचल में रोजगार की संभावनाएं और बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि अभी मालनपुर में रैनबेक्सी का चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्लांट है, जहां बल्क ड्रग का निर्माण हो रहा है। इस बात की पुष्टि इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉरपोरेशन के एमडी केके तिवारी ने भी की है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर