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UP Assembly Election 2022: बुंदेलखंड और चंबल से सटे क्षेत्र में जातिगत समीकरण सपा और बसपा के लिए चुनौती

UP Assembly Election 2022 समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश से सटे बुंदेलखंड चंबल-ग्वालियर अंचल में जिस जातिगत समीकरणों से कभी सियासी जमीन तलाश कर जगह बनाने की कोशिश की थी वही अब उनके लिए चुनौती बनकर उभर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:12 PM (IST)
UP Assembly Election 2022: बुंदेलखंड और चंबल से सटे क्षेत्र में जातिगत समीकरण सपा और बसपा के लिए चुनौती
यूपी चुनाव में बुंदेलखंड और चंबल से सटे क्षेत्र में जातिगत समीकरण सपा और बसपा के लिए चुनौती। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। जिस जातिगत समीकरणों से कभी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उत्तर प्रदेश से सटे बुंदेलखंड, चंबल-ग्वालियर अंचल में सियासी जमीन तलाश कर जगह बनाने की कोशिश की थी, वही अब उनके लिए चुनौती बनकर उभर रहे हैं। वजह है विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि चेहरों का अभाव, वहीं भाजपा के कद्दावर नेताओं का प्रभाव। समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव, तो बसपा में मायावती और कांग्रेस में प्रियंका गांधी वाड्रा ही प्रमुख चेहरा हैं, जिनके कार्यक्षेत्र में ये इलाके नहीं हैं, जबकि भाजपा में देखें तो ग्वालियर-चंबल से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और बुंदेलखंड से डा. वीरेंद्र कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जैसे नेता आते हैं। बसपा से ज्यादातर नेता पलायन कर चुके हैं, सपा में खींचतान चल रही है। कांग्रेस की इधर स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में भाजपा अपना किला मजबूत करने में सफल हो सकती है।

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इन सीटों पर पड़ेगा असर

उत्तर प्रदेश की सियासत में जातिगत समीकरणों का बड़ा प्रभाव रहा है। इस मोर्चे पर भी सपा, बसपा और कांग्रेस के सामने चुनौतियां हैं। इन क्षेत्रों की 49 विस सीटों पर जातिगत समीकरणों को देखें तो बुंदेलखंड क्षेत्र में गरीब वर्ग में अहिरवार और चंबल-ग्वालियर से लगे इलाके में सबसे ज्यादा वोट जाटव सहित अन्य अनुसूचित जातियों के हैं। इनका रुझान भाजपा की ओर बढ़ता रहा है। मध्य प्रदेश में चौथी बार शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए 28 सीटों के उपचुनाव में ग्वालियर चंबल क्षेत्र की सीटों पर भाजपा को बड़ी सफलता मिली थी। अब केन बेतवा लिंक परियोजना के आगे बढ़ जाने से यह क्षेत्र भाजपा के लिए उपजाऊ साबित होगा। दोनों राज्यों के बीच बुंदेलखंड क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का भी खासा प्रभाव है। वह दोनों राज्यों से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। उनके प्रभाव को देखते हुए उमा भारती के करीबी और समर्थकों को भी उत्तर प्रदेश के इन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर चंबल से भी कई कार्यकर्ताओं ने सीमावर्ती इलाके में मोर्चा संभाल लिया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी उत्तर प्रदेश भेजे जाएंगे।

भाजपा के पक्ष में आएंगे परिणामः रजनीश अग्रवाल

मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल के मुताबिक, चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य के उत्तर प्रदेश से सटे क्षेत्र में भाजपा संगठन और सरकार के साथ ही हमारे नेतृत्व का व्यापक असर है। हमारे कद्दावर नेताओं के प्रभाव के कारण उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में भी सकारात्मक असर होगा। परिणाम भाजपा के पक्ष में आएंगे।

यूपी सीमा से लगने वाले जिले व विधानसभा सीट

जिले- विधानसभा क्षेत्र

आगरा - 8

इटावा - 3

जालौन - 3

झांसी- 4

ललितपुर- 2

महोबा- 2

बांदा- 4

चित्रकूट-2

प्रयागराज-12

मिर्जापुर- 5

सोनभद्र- 4


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