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Third Wave Of Corona: मध्यप्रदेश के इन चारों बड़े शहरों से एक सप्ताह दूर है कोरोना का पीक

कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से परेशान दिक्कतें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रहीं। कोरोना का प्रचंड वेग अभी आना बाकी है।प्रदेश के चारों बड़े शहरों में माह के अंत तक कोरोना का पीक आ सकता है। ऐसी स्थिति में शहर में रोजाना पांच से सात हजार संक्रमित मिलेंगे।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:44 PM (IST)
Third Wave Of Corona: मध्यप्रदेश के इन चारों बड़े शहरों से एक सप्ताह दूर है कोरोना का पीक
मध्यप्रदेश के इन चारों बड़े शहरों से एक सप्ताह दूर है कोरोना का पीक

इंदौर, जेएनएन । इंदौर के अलावा भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में भी पीक के दिनों में वर्तमान से तीन गुना संक्रमित रोजाना मिल सकते हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कोरोना का पीक गुजरने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आएगी और फरवरी के अंत तक शहर एक बार फिर सामान्य हालात बनने लगेंगे। कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से परेशान इंदौरियों की दिक्कतें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रहीं। शहर में कोरोना का प्रचंड वेग अभी आना बाकी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इंदौर सहित प्रदेश के चारों बड़े शहरों में इस माह के अंत तक कोरोना का पीक आ सकता है। ऐसी स्थिति में शहर में रोजाना पांच से सात हजार संक्रमित मिलेंगे। पिछले तीन दिनों से लगातार 20 प्रतिशत के आसपास चल रही संक्रमण दर भी पीक के दौरान 40 प्रतिशत तक उछल सकती है।

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विशेषज्ञों के मुताबिक अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 24 घंटे के दौरान मिलने वाले संक्रमितों की संख्या लगातार कुछ दिन स्थित रहने के बाद गिरने लगती है तो कहा जा सकता है कि पीक गुजर गया है। डाक्टरों का कहना है कि वर्तमान में जो ट्रेंड नजर आ रहा है उसे देखते हुए इस बात की संभावना है कि इस माह के अंत तक शहर में कोरोना का पीक आ सकता है। संक्रमण दर में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। पीक के दौरान यह 30 से 40 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। उस दौरान शहर में संक्रमितों की संख्या पांच हजार से ज्यादा पहुंच सकती है। राहत की बात यह कि कोरोना के टीके लगवाने वालों के शरीर में बनी एंटीबाडी की वजह से तीसरी लहर में स्थिति गंभीर नहीं बनी।

इंदौर के साथ ही प्रदेश के अन्य बड़े शहर भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में भी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन शहरों में भी डेढ सप्ताह में पीक आ सकता है। विशेषज्ञों के अनुमान की वजह यह भी है कि मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कोरोना का ऐसा ही ट्रेंड नजर आ चुका है। महानगरों में पीक पर पहुंचने के बाद मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी बीमारी का प्रकोप अपने सर्वोच्चतम स्तर को छूने के बाद फिर नीचे लौटने लगता है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह से शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिसंबर के शुरूआती तीन सप्ताह में इक्का-दुक्का मरीज मिल रहे थे लेकिन एक जनवरी को यह संख्या 80 पर पहुंच गई। शहर में न सिर्फ संक्रमितों की संख्या बढ़ी बल्कि संक्रमण दर में भी तेजी से इजाफा हुआ। 19 दिसंबर 2021 संक्रमण दर सिर्फ 0.12 प्रतिशत थी। इस दिन जांचे गए 5386 सैंपलों में से सिर्फ सात संक्रमित मिले थे। वहीं 19 जनवरी 2022 यानी ठीक एक महीने बाद शहर में संक्रमण दर 23.89 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दिन शहर में तीन हजार से ज्यादा संक्रमित मिले थे। विशेषज्ञों का मानना है कि मरीजों के मिलने का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा। 


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