इंदौर में ओमिक्रोन के नए वैरिएंट की दस्तक से मचा हडकंप, एक दर्जन से अधिक संक्रमित
ओमिक्रोन के नए सब सब-वेरिएंट बीए.2 के आने से चिंता और बढ़ गई है। इंदौर में भी इस नए वैरिएंट के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आये हैं। बताया जा रहा है कि ओमिक्रोन का ये नया वैरिएंट बहुत तेजी से फैलता है।
इंदौर, जेएनएन। ओमिक्रोन के नए सब-वेरिएंट बीए.2 ने इंदौर में दस्तक दे दी है। तीसरी लहर में कोरोना को लेकर लापरवाह रहने वालों की चिंता इससे बढ़ सकती है। ओमिक्रोन का ये सब वैरिएंट तेजी से फैलता है। जब तक गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जाता है और नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। शहर में अब तक इन सभी वैरिएंट के एक दर्जन से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इनमें छह बच्चे भी शामिल हैं।
अब तक, ऐसा माना जाता था कि ओमिक्रोन वैरिएंट सीधे फेफड़ों तक नहीं जाता और लंबे समय तक गले में रहता है। यही वजह है कि यह ज्यादा नुकसान नहीं करती है, लेकिन इसका नया सब-वेरिएंट BA.2 बिल्कुल उल्टा है। यह तेजी से फेफड़ों में पहुंचता है और संक्रमण फैलाना शुरू कर देता है। तीसरी लहर में अब तक सीटी स्कैन की जरूरत नहीं थी, लेकिन नए सब-वेरिएंट में 5 से 30 फीसदी फेफड़े संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि जिन लोगों को कोरोना की वैक्सीन और विजिलेंस डोज दोनों मिले हैं, उनमें संक्रमण का प्रतिशत एक से पांच के बीच है।
तेजी से फैलता है ओमिक्रोन का सब वैरिएंट
अरबिंदो अस्पताल के डा . विनोद भंडारी ने बताया कि ओमिक्रोन बीए.1 का पहला सब-वेरिएंट जनवरी के पहले सप्ताह में आया था। बाद में यह बी.ए.2 हो गया। ओमिक्रोन का यह नया सब-वेरिएंट तेजी से मरीजों के फेफड़ों तक पहुंच रहा है। मरीजों के सीटी स्कैन में 5 से 30 प्रतिशत में संक्रमण का पता चल रहा है। बी.ए.2 सब-वेरिएंट कितना खतरनाक है, इस पर फिलहाल शोध चल रहा है, लेकिन इतना तो तय है कि यह तेजी से फैल रहा है। इस निजी अस्पताल में ओमिक्रोन के इस सब-वेरिएंट के एक दर्जन से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।