इंदौर में वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके बुजुर्ग की कोरोना से मौत, लापरवाही पड़ी भारी
Death from Coronavirusइंदौर के एरोड्रम रोड निवासी जिस बुजुर्ग की अभी हाल ही में मौत हो गई है जबकि उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी थी। वे कोरोना मधुमेह समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे। इसकी वजह से उनके शरीर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल गया।
इंदौर, जेएनएन। कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने वाले लोगों की नींद इस खबर के बाद उड़ सकती है। कोरोना संक्रमित एरोड्रम रोड निवासी जिस बुजुर्ग की अभी हाल ही में मौत हो गई है जबकि उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी थी। 8 नवंबर को जांच के लिए उनका नमूना लिया गया था और 9 नवंबर को रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हो गई। इसक बाद बुजुर्ग को इलाज के लिए एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया। वे कोरोना, मधुमेह समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे। इसकी वजह से उनके शरीर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल गया। दरअसल टीका लगवाने के बाद लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं न वे शारिरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं।
कोविड वैक्सीन लेने के बाद एंडीबाडी बनने में लगता है समय
डाक्टरों के अनुसार कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद शरीर में एंटीबाडी बनने में काफी दिन का समय लगता है। 29 जून 2021 के बाद हालांकि कोरोना के कारण होने वाले मौतों का सिलसिला रुका हुआ था। लेकिन 14 नवंबर को ये सिलसिला टूट गया। कोरोना संक्रमित इस बुजुर्ग को एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 14 नवंबर को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई, स्वास्थ्य विभाग ने इसे 15 नवंबर में दर्ज किया है। अस्पताल प्रभारी डा. सलिल भार्गव ने बताया कि जब उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाय गया था उस समय उनकी हालत काफी खराब थी। उन्हें कोरोन के अलावा भी कई बीमारियां थी जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।
कोविड गाइडलाइन का हो रहा है उल्लंघन
कोरोना गाइडलाइन को लेकर भी लोग लापरवाह हो रहे हैं। लोग न तो शारीरिक दूरी का ख्याल रख रहे हैं न मास्क लगा रहे हैं, न सैनीटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं और न ही साबुन से हाथ धो रहे हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है उन्हें ये वायरस अपनी चपेट में आसानी से ले लेता है। इसलिए ये जरूरी है कि वैक्सीन लेने के बावजूद भी लोग कोविड गाइडलाइन का पालन करे। वैक्सीन लगवाने के बाद भी एंटीबाडी में काफी समय लगता है।