Electricity Crisis: कोयले की कमी से गहरा सकता है बिजली संकट, जानें मध्य प्रदेश का हाल
Electricity Crisis कोयले की कमी के कारण मध्य प्रदेश में भी फिर से बिजली संकट गहरा सकता है। इस समय यहां 5400 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्रों से 2277 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि 1576 जल विद्युत संयंत्रों से बिजली उत्पादन बंद हो चुका है।
भोपाल, जेएनएन। राज्य में एक बार फिर से बिजली संकट पैदा हो गया है। बिरसिंहपुर पाली में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत संयंत्र में 210 मेगावाट की एक ओर यूनिट को सोमवार शाम को बंद करना पड़ा। इसी संयंत्र की दो नंबर यूनिट को रविवार को बंद किया गया था। इस यूनिट से भी 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। 1340 मेगावाट वाले इस संयंत्र में अब मात्र एक यूनिट में ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इस यूनिट से 440 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जबकि इसकी क्षमता 500 मेगावाट की है। इस समय राज्य के 5400 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्रों से 2277 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जबकि 1576 जल विद्युत संयंत्रों से बिजली उत्पादन बंद हो चुका है। राज्य में कुल 10,820 मेगावाट बिजली की मांग बनी हुई है। बता दें कि सोमवार को राज्य सरकार ने कुल 242 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा की थी।
मिली जानकारी के अनुसार 30 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश के संजय गांधी संयंत्र की दो नंबर यूनिट को सुधार कार्य करने के लिए बंद किया गया था। इस यूनिट में करीब 68 दिन तक काम चला था जिसके बाद इसे 6 अक्टूबर को शुरू कर दिया गया था। इसके पश्चात 10 अक्टूबर की रात ये यूनिट फिर बंद कर दी गई। इसकी वजह बायलर लीकेज बताया गया था। इसके 16 घंटे बाद ही इसी संयंत्र की एक और यूनिट को भी बंद कर दिया गया, जिससे 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। जबकि इस संयंत्र में 210 मेगावाट वाली दो यूनिट पहले से ही बंद पड़ी थी। वर्तमान समय में इसमें मात्र एक यूनिट ही चल रही है। इस यूनिट से 388 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
जानें कहां कितना हो रहा है बिजली उत्पादन
संयंत्र क्षमता उत्पादन
सारणी- 1330 - 509
अमरकंटक- 210 - 204
सिंगाजी- 2520 - 1124
बिरसिंहपुर पाली- 1340 - 440
कुल उत्पादन- 2277