मप्र में उप्र से महंगा बिक रहा है पेट्रोल-डीजल, पंप संचालकों ने सरकार के सामने रखी मांग; कर सकते हैं हड़ताल
Petrol Price मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से महंगा पेट्रोल-डीजल बिक रहा है ऐसे में ग्वालियर में पंप संचालक सराकर से वैट घटाने की गुहार लगा रहे हैं। उप्र की सीमा से सटे लोग वहां से अपने वाहनों का टैंक फुल करवा लाते हैं
ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर लगाए गए करों को कम करने के लिए ग्वालियर डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन द्वारा बुधवार दोपहर 3 बजे जीवाजी क्लब में एक बैठक का अयोजन करेगी। जिसमें पंप संचालक हड़ताल पर जाने की घोषणा भी कर सकते हैं। दरअसल यहां पेट्रोल-डीजल उत्तर प्रदेश से महंगा बेचा जा रहा है जिसका उनकी ग्राहकी पर काफी असर पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा पेट्रोल डीजल पर अधिक वैट वसूला जा रहा है। जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के लोग महंगा ईंधन खरीदने को विवश है। वहीं जो इलाके उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हुए हैं वहां के लोग यहां संचालित पेट्रोल पंपों से पेट्रोल-डीजल नहीं भरवाते जिससे यहां के पंप संचालकों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे लेकर परेशान पंप संचालक एक आंदोलन की शुरू कर रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल पंप की बत्तियों को बुझाकर ब्लैकआउट कर विरोध जताया जाएगा। पंप संचालकों का कहना है कि वैट अधिक होने के कारण मध्य प्रदेश की जनता महंगाई की मार झेल रही है और पंप संचालकों को भी नुकसान हो रहा है। इसे लेकर सबसे अधिक तो राजस्व सरकार को ही हानि हो रही है। सरकार इसे क्यों नहीं समझ रही है। मध्य प्रदेश के लोग अब इलाके से सटी उत्तर प्रदेश की सीमा में जाकर पेट्रोल-डीजल से वाहन के टैंक फुल करवा रहे हैं।
जानें क्या कहना है पंप संचालकों का
-मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों को उत्तर प्रदेश के बराबर किया जाए। महंगाई में कमी की जाये और लगभग 3 हजार डीलर्स व पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मचारियों का जीवन यापन ठीक से होता रहे।
-महंगाई की मार पंप संचालन के तमाम खर्चे दोगुने हो चुके हैं। ऐसे में हमारी मांग है कि पेट्रोल पंप डीलर्स के कमीशन को युक्ति संगत बढ़ाकर राहत पहुंचाई जाए।
- राज्य में अवैधानिक रूप से बायोडीजल के नाम पर केमिकल की बिक्री की जा रही है। ऐसे पंपों पर शासन की ओर से कार्रवाई की जाए। इसकी वजह से सरकार को जहां राजस्व की हानि होती है, वहीं वाहनों के मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ गया है। वाहन एवं मशीनरी बेकार हो रही हैं।