AIIMS भोपाल में अब मरीजों की फ्री में होगी जांच, लंबी लाइनों में लगने से भी मिलेगी निजात
AIIMS Bhopal अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अब मरीजों को 50 रुपये तक की जांच के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। एक-दो दिन के भीतर यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। बिलिंग करवाने वालों की लंबी लाइनों को देखते हुए ये फैसला किया गया है।
भोपाल, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अब 50 रुपये से कम शुल्क वाली जांच की फीस नहीं देनी होगी। इससे मरीजों का आर्थिक बोझ तो कम होगा ही साथ ही जांच के लिए लंबी लाइनों में भी नहीं लगना होगा। इसके लिए ऐसा साफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है जिसमें डिटेल डालने पर जांच की रिपोर्ट भी उपलब्ध हो जाएगी। एम्स के अध्यक्ष डॉ. वायके गुप्ता ने बताया कि अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव से एक-दो दिन के भीतर यह सुविधा प्रारंभ करने के लिए कहा गया है। जांच के लिए बिलिंग करवाने वालों की लंबी लाइनों को देखते हुए ये फैसला किया गया है। ओपीडी पंजीकरण का समय भी आधे घंटे से बढ़ाकर एक घंटा किया जाएगा।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एम्स भोपाल रिसर्च प्रोजेक्ट, शोध पत्रों के प्रकाशन के मामले में एम्स दिल्ली के बाद देश में दूसरे नंबर पर है। यहां हर साल लगभग 150 शोध पत्र प्रकाशित किए जाते हैं।
AIIMS में 50 रुपये से कम में होने वाली जांच
स्टूल माइक्रोस्कोपी, पैपस्मीयर (बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की जांच के लिए), हेपेटाइटिस बी एवं सी एंटीजन, पेशाब में एल्बुमिन की जांच, हीमोग्राम, सीरम प्रोटीन, सीरम क्रेटनिन, सीरम एल्बुमि, यूरिन आरएम, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्राल , ट्राइग्लिसराइड, आदि।
टेक्नीशियन की कमी शुरू नहीं हो पा रहे OT
एम्स के निदेशक डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि एम्स के ओटी ब्लाक में कुल 20 ऑपरेशन थियेटर हैं जिनमें से 10 शुरू हो चुके हैं। जबकि चार अन्य ओटी पहले से चालू हैं। इनके लिए 14 एनेस्थीसिया विशेषज्ञ भी हैं, लेकिन ओटी टेक्नीशियन न होने के कारण ओटी को शुरू करने में कठिनाई आ रही है। यहां टेक्नीशियन के सिर्फ 82 पद ही स्वीकृत हैं। प्रत्येक विभाग के लिए एक या दो पद ही हैं, जबकि इसकी आवश्यकता काफी ज्यादा है। इसके लिए इच्छुक नर्सिंग स्टाफ को ओटी टेक्नीशियन के तौर पर प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया है। एम्स भोपाल ही नहीं बल्कि सभी एम्स में टेक्नीशियन के पद आवश्यकता से बहुत कम स्वीकृत किए गए हैं।
दो एक्मो मशीनें भी जल्द खरीदी जाएंगी
डॉ.सरमन सिंह ने कहा कि जल्द ही अस्पताल के लिए दो एक्मो (एक्सट्रा कॉरपोरियल मेंबे्रन आक्सीजनेशन) मशीनें भी खरीदी जाएंगी। ये मशीनें कृत्रिम फेफड़े का काम करती हैं। मध्य भारत में हैदराबाद के अलावा कहीं पर भी एक्मो मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। कोरोना महामारी के दौरान इन मशीनों की बहुत आवश्यकता थी। बहुत से मरीजों को इन्हीं के सहारे रखना पड़ा था। बता दें कि प्राइवेट अस्पतालों में एक दिन का करीब 1लाख रुपये का खर्च आता है, इसका खर्च बहुत कम मरीज ही उठा पाते हैं।
20 एकड़ में बनाया जाएगा पैरामेडिकल और पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट
एम्स भोपाल में आने वाले समय में 20 एकड़ जमीन में पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट और पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट खोलने की योजना है। जिसमें विभिन्न् तरह के टेक्नीशियन के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा इसमें पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट में पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट में एमबीए व मैनेजमेंट के अन्य कोर्स भी शुरू होंगे।
ट्रांसप्लांट यूनिट भी होगी शुरू
एम्स भोपाल में जल्द ही ट्रांसप्लांट यूनिट भी शुरू होगी । इसमें मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा होगी। इसके बाद अन्य अंगों के ट्रांसप्लांट का कार्य भी शुरू होगा। बता दें कि हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट पहले ही शुरू हो चुका है, पर एम्स में शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन जल्द ही ये सुविधा यहां भी उपलब्ध होगी।
यह सुविधाएं भी मिलेंगी जल्द
- यहां आने वाले मरीजों को जल्द ही अमृत फार्मेसी से दवाएं मिल सकेंगी।
- जन औषधि केंद्र में सभी तरह के जेनरिक दवाएं उपलब्ध करवायी जाएंगी।
- फैकल्टी को भी प्रशासनिक कार्यों की जानकारी दी जाएगी ।