मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में पिछड़ा मप्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में मप्र पिछड़ रहा है। तीन सालों में प्रदेश में सिर्फ 20.45 प्रतिशत काम ही हुआ।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में मप्र पिछड़ रहा है। पिछले चार सालों में प्रदेश में 12 हजार 723 गांव ही ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो पाए, जबकि कई मप्र की तुलना में काफी आगे हैं। इस मिशन के तहत 2019 की डेडलाइन रखी गई है, जिसमें खुले में शौच से देशभर को मुक्त करवाना है।
इस काम में मप्र तीन साल में सिर्फ 50 प्रतिशत कार्य ही पूरा कर पाया है, वहीं स्वच्छता अभियान के वर्ष 2016 की रिपोर्ट में भी अन्य राज्यों की तुलना में काफी पीछे है।
तीन साल में 20 प्रतिशत काम
दो अक्टूबर 2014 को जहां मप्र में स्वच्छता कवरेज 31.82 प्रतिशत था, वहीं 27 जनवरी 2017 तक यह 52.27 प्रतिशत तक पहुंचा यानि तीन सालों में प्रदेश में सिर्फ 20.45 प्रतिशत काम ही हुआ। जबकि इसी दौरान छत्तीसगढ़ ने 30 प्रतिशत से ज्यादा काम किया नतीजतन मिशन में अब तक वो 71 प्रतिशत काम कर चुका है।
गुजरात (89.78), महाराष्ट्र (72.38) और राजस्थान (72.28) मप्र से आगे चल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड और केरल में 100 प्रतिशत काम हो चुका है।
35 प्रतिशत कचरा ही उठ रहा घर से
जनवरी 2016 की रिपोर्ट के अनुसार घरों से कचरा उठाने में भी प्रदेश पीछे है। एक साल पहले तक जहां अन्य राज्यों में 50 प्रतिशत घरों से कचरा उठना शुरू हो गया था, वहीं प्रदेश में यह प्रतिशत 35 ही था।
प्रदेश में हर दिन 5 हजार 79 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। स्कूलों में शौचालय निर्माण भी बेहद धीमी रफ्तार से हुआ है। वर्ष 2013 में इसकी संख्या 59 थी तो अगले साल 2014 में यह 70 तक पहुंची और 2015 में सिर्फ 6 स्कूलों में शौचालय बनाए गए।