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Madhya Pradesh: मोहन भागवत बोले-स्वयंसेवक केवल हिंदुओं के लिए नहीं, पूरे देश के लिए करते हैं काम

Mohan Bhagwat In Bhopal राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काम करते हैं। हम सारे भेदभाव संकुचित भावना लोभ हवस छोड़कर पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए मिलकर आगे बढ़ेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2022 09:43 PM (IST)
Madhya Pradesh: मोहन भागवत बोले-स्वयंसेवक केवल हिंदुओं के लिए नहीं, पूरे देश के लिए करते हैं काम
मोहन भागवत बोले-स्वयंसेवक केवल हिंदुओं के लिए नहीं, पूरे देश के लिए करते हैं काम।

भोपाल, जेएनएन। Mohan Bhagwat In Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को विश्व संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि हमारे देश के अस्तित्व का प्रयोजन दुनिया को धर्म देना है। विश्व के कल्याण की इच्छा रखने वाले ऋषियों के तप से हमारे राष्ट्र का जन्म हुआ। स्वामी विवेकानंद ने बताया कि भारत को अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि विश्व कल्याण के लिए जीना है। विदेश में रह रहे हिंदुओं का दायित्व है कि वे भारतीय संस्कृति से मिली अच्छाइयां वहां के लोगों को दें।

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नई सुखी-सुंदर दुनिया का सृजन करेंगे

भागवत ने कहा कि संपूर्ण दुनिया को आज उस धर्म की जरूरत है, जो संतुलन देता है। जो सबके प्रति आत्मीयता देता है, जो वसुधैव कुटुंबकम की भावना उत्पन्न करता है, समन्वय सिखाता है। संघ ऐसे ही जीवन का उदाहरण विश्व में स्थापित कर रहा है। यहां कई देशों से स्वयंसेवक आए हैं। वे केवल हिंदुओं के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए काम करते हैं। हम सारे भेदभाव, संकुचित भावना, लोभ, हवस छोड़कर पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए मिलकर आगे बढ़ेंगे, नई सुखी-सुंदर दुनिया का सृजन करेंगे।

हिंदू संस्कृति के विस्तार के लिए कार्य करेंगे

सरसंघ चालक ने कहा कि महर्षि अरविंद ने कहा था, सनातन धर्म का उत्थान हो, यही भगवान की इच्छा है। सेलुलर जेल में साक्षात वासुदेव ने मुझे यह बताया है। सनातन धर्म के उत्थान की पूर्व शर्त है हिंदू राष्ट्र यानी हिंदुस्थान का उत्थान। महर्षि अरविंद ने जब यह कहा था, तब किसी को नहीं पता था कि संघ की स्थापना होने वाली है और स्वयंसेवक विभिन्न देशों में जाएंगे और वहां हिंदू संस्कृति के विस्तार के लिए कार्य करेंगे।

भागवत ने कहा कि संघ स्थापना के पांच वर्ष पूर्व नागपुर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के व्यवस्था प्रमुख की जिम्मेदारी डा. केशव बलिराम हेडगेवार देख रहे थे। अध्यक्षता महात्मा गांधी कर रहे थे। तब डा. हेडगेवार ने दो प्रस्ताव दिए। एक-गोवंश हत्या बंदी। दूसरा-भारत की पूर्ण स्वतंत्रता को कांग्रेस अपना ध्येय घोषित करे। उसी में यह भी घोषित किया जाए कि स्वतंत्र भारत पूंजी के चंगुल से दुनिया के देशों की मुक्त करेगा। डाक्टर साहब का यह विचार-दृष्टिकोण वृहद था। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांची विश्वविद्यालय की कुलपति डा. नीरजा गुप्ता ने की। मंच पर राष्ट्रीय सेविका समिति की अखिल भारतीय सह सरकार्यवाहिका अलका ताई इनामदार, वर्ग के सर्वाधिकारी सतीश और मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे उपस्थित रहे।

पुरुषों के शिक्षा वर्ग में 15 देशों के 60 प्रतिभागियों ने लिया प्रशिक्षण

दुनियाभर में हिंदू संस्कृति के लिए काम करने वाले विविध संगठनों के स्वयंसेवकों का शिक्षा वर्ग 20 दिन से भोपाल में चल रहा था। पुरुषों के शिक्षा वर्ग में 15 देशों के लगभग 60 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राा किया। वहीं, विश्व समिति शिक्षा वर्ग ( द्वितीय वर्ष) में 13 देशों से आई 31 सेविकाओं ने प्रशिक्षण प्राा किया।

35 साल बाद प्रशिक्षण लेने आया, सात किलो वजन घटाया

प्रशिक्षण वर्ग में आए नाइजीरिया के पुष्पराज मोगल ने बताया कि वर्ष 1987 के बाद अब प्रशिक्षण ले रहा हूं। बदली दिनचर्या के कारण सात किलो वजन घटाया है। यूके से आई मनीषा बरसाने ने कहा कि मैं अपने घर में आकर खुश हुई। मैं गुजराती हूं, इसलिए भाषा की दिक्कत थी, पर प्रशिक्षकों ने बेहतर तरीके से समझाया। आसन करने से पैरों का दर्द चला गया, यह जादू था। करण दुशारा ने भी अपने अनुभव साझा किए। 


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