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Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व, इस दिन करें ये उपाय

Kartik Purnima 2021 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है। साथ ही हवन दान जप तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 03:51 PM (IST)
Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व, इस दिन करें ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व

ग्वालियर, जेएनएन । कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। इसके साथ ही इस शुभ दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग भी बन रहा है, जो सभी बुरे योग व नक्षत्रों को दूर करता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ये उपाय करने से काफी लाभ हाेगा।

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कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था, तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है। साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है। विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय-

पूर्णिमा का व्रतः मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण और चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। वहीं इस दिन व्रत रखने से सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होता है। इस दिन श्री सत्यनारायण की कथा सुनने से भी जीवन से संकट दूर हो जाते हैं।

दीपदानः कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण जरूर बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाएं। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी खुशी को दर्शाते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

कृतिकाओं का पूजनः इस दिन चंद्राेदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति, अनुसूईया और क्षमा इन 6 तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन किया जाता है। ये स्वामी कार्तिकेय की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये शाम को दरवाजे के ऊपर शोभित करने योग्य हैं। इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधिवत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती है।

तुलसी पूजाः इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं, जिससे आपकी मनोकामना पूरी हो और दरिद्रता दूर हो सके। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना का अनंत फल प्राप्त होता है।

जरूरतमंदों को करें दानः कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन दान का बहुत अधिक महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हों, वह जरूर करें। इससे घर परिवार में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहती है। 


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