आइएसआइ ने भाजयुमो तक में करा दी थी गुर्गों की घुसपैठ
मध्य प्रदेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ एजेंट का नेटवर्क पिछले तीन साल से चल रहा था।
नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ एजेंट का नेटवर्क पिछले तीन साल से चल रहा था। यह जानकारी एक दिन पहले पकड़े गए आइएसआइ के 11 गुर्गों ने पूछताछ में दी है। बिहार और उत्तर प्रदेश की तरह ही मध्य प्रदेश में भी आइएसआइ ने साजिशों को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कानपुर के पुखरायां और रूरा रेल हादसे में आइएसआइ के हाथ के प्रमाण मिले हैं। उन रेल हादसों में भी स्थानीय और गैर मुस्लिमों का इस्तेमाल किया गया था। मध्य प्रदेश में तो इससे भी एक कदम आगे जाकर अपने गुर्गों की सत्ताधारी भाजपा तक में घुसपैठ करा दी थी।
मध्यप्रदेश में पहले सिमी और अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने से यह साबित हो रहा है कि मध्यप्रदेश संगठित अपराध करने वालों की पनाहगार बन गया है। यह बात इसलिए भी पुख्ता होती है क्योंकि डीजीपी ऋषि शुक्ला ने पिछले महीने ही एसटीएफ के 30 से ज्यादा अफसरों की स्पेशल वेपन्स एंड ट्रेकटिक्स (स्वात) टीम बनाई। शांत राज्यों की श्रेणी में आने वाले मप्र में इस टीम का बनना भी इसी बात की ओर इशारा था।
ऐसे कराई भाजयुमो में घुसपैठ
भोपाल के मीनाल रेसीडेंसी मेंं रहने वाला धु्रव सक्सेना को आइएसआइ ने इंजीनियङ्क्षरग करने केबाद ही फांस लिया। पाकिस्तानी एजेंसी के कहने पर वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) से दो साल पहले जुड़ गया। इसके बाद वह आईटी सेल का जिला संयोजक बनने में भी सफल हो गया। महंगी गाडिय़ों में घूमने वाले ध्रुव के पास अभी फोर्ड की 30 लाख की फॉच्र्यूनर कार है। उसके तीन बार विदेश जाने की जानकारी मिली है। ध्रुव ने अपने साथ मोहित अग्रवाल को भी भाजयुमो में शामिल करा दिया। साकेत नगर में किराये के मकान मेंरहने वाला मोहित बीई कर चुका है। मोहित और ध्रुव के पास इन दिनों तेजी से पैसे आ रहे थे। मोहित और ध्रुव के अक्सर दिल्ली और मुंबई जाने की जानकारी भी मिल रही है।
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यूपी में बलराम की करोड़ों की जमीन
इधर इसे पूरे गिरोह के मुख्य सरगना बताए जा रहे बलराम के कनेक्शन उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से भी है। बताया जा रहा है कि यहां उसने 18 एकड़ की जमीन भी खरीद रखी है। इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। करीब 100 से ज्यादा खातों के जरिए आईएसआई एजेंट व हैंडलर्स के कहने पर जानकारियां भेजने वालों को पैसे भिजवाने व लॉटरी फ्रॉड के पैसों को जमा करने के लिए उनसे अपने परिचितों के नाम पर भी खाते खुलवाए थे।
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14 तक रिमांड पर भेजा
उधर पाकिस्तानी एजेंटों के मददगार युवकों को कोर्ट ने 14 फरवरी तक एटीएस की रिमांड पर सौंपा है। एटीएस ने शुक्रवार को एसीजेएम सतीशचंद्र मालवीय की कोर्ट में जबलपुर निवासी मनोज भारती और संदीप गुप्ता, भोपाल निवासी ध्रुव सक्सेना, मोहित अग्रवाल और मनीष गांधी को पेश किया था। एटीएस ने कोर्ट में आइएसआइ नेटवर्क से जुड़े हुए लोग देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां भी पाकिस्तानी एजेंटों तक पहुंचा रहे थे। इस काम में भोपाल निवासी आरोपी ध्रुव सक्सेना, मोहित अग्रवाल और मनीष गांधी सिम बॉक्स के माध्यम से कॉल सेंटर चला रहे थे। गौरतलब है कि एटीएस ने गुरुवार को इसी मामले से जुड़े आरोपी बलराम सिंह, कुश पंडित, जीतेंद्र ठाकुर, रीतेश खुल्लर, जीतेंद्र सिंह यादव और त्रिलोक सिंह भदौरिया को पुलिस रिमांड पर लिया है।