संतों ने जतायी नाराजगी तो IRCTC को बदलना पड़ा वेटरों का ड्रेस कोड, जाने क्या था मामला
Ramayana Circuit Train रामायण सर्किट ट्रेन में काम करने वाले वेटरों के ड्रेस कोड पर संतों ने आपत्ति जतायी है जिसे लेकर आइआरसीटीसी ने इसे बदल दिया है। पहले वेटरों का ड्रेस कोड भगवा पोशाक रखा गया था। आइआरसीटीसी ने इंटरनेट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है।
उज्जैन, जेएनएन। आइआरसीटीसी ने संतों के विरोध के बाद रामायण सर्किट ट्रेन में काम करने वाले वेटरों का ड्रेस कोड बदल दिया है। पहले रेलवे के इन वेटरों का ड्रेस कोड साधु संतों के जैसा भगवा पोशाक रखा गया था, लेकिन इसा वीडियो वायरल होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े परमहंस डॉक्टर अवधेश पुरी महाराज ने इस पर आपत्ति जताते हुए कड़ा विरोध किया। संतों की नाराजगी के बाद वेटरों के ड्रेस कोड को अब बदल दिया गया है। डॉ. अवधेश पुरी महाराज के अनुसार आइआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) ने इंटरनेट के द्वारा खुद इसके बारे में बताया है।
ड्रेस कोड में हुआ बदलाव
पहले वेटरों के लिए भगवा कुर्ता और धोती के साथ सिर पर पगड़ी और गले में रुद्राक्ष की माला वाला ड्रेस कोड रखा गया था। जिस पर संत समाज ने आपत्ति जतायी थाी। संतों ने चेतावनी दी थी कि अगर ये वेश भूषा जल्दी नहीं बदली गई तो ट्रेन भी रोकी जाएगी। इसके बाद आइआसीटीसी को तुरंत ड्रेस कोड में बदलाव करना पड़ा, अब वेटर पेंट शर्ट व सिर पर पगड़ी में नजर आएंगे।
रामायण सर्किट ट्रेन: अयोध्या से रामेश्वरम तक का सफर
आइआरसीटीसी की ओर से भगवान राम से संबंधित धार्मिक पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत की गई है। इस ट्रेन से अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक भगवान राम से जुड़े समस्त धाार्मिक स्थलों के दर्शन करवाएं जाएंगे। ये ट्रेन अयोध्या से नंदीग्राम उसके बाद प्रयागराज होते हुए सीतागढ़ी और चित्रकूट तक की यात्रा 17 दिनों में पूरी करवाती है। इस ट्रेन में दो और पैकेज भी रखे हुए हैं, जिसमें श्री रामयण यात्रा एक्सप्रेस-मदुरै और श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस-गंगानगर है। ट्रेन का सफर अयोध्या से शुरू होगा उसके बाद सीतामढ़ी, वाराणसी, नासिक, हम्पी और रामेश्वर होते हुए रामेश्वरम पहुंचेगी। यह लगभग 7500 किमी का सफर तय करेगी। स्टेशन पर उतरने के बाद यात्रियों को सड़क मार्ग से अन्य धार्मिक स्थलों पर पहुंचाया जाता है।