इंदौर नगर निगम ने रीड्यूज, रीयूज और रिसाइकल का किया उपयोग, छह तरह का कचरा करेगा अलग
निगम ने शहर में दो 4 आर गार्डन बनाए हैं। इनमें अनपुयोगी लकड़ी टीन व टायर सहित अन्य चीजों का उपयोग कर कलाकृतियां बनाई गई है। इसके अलावा वार्ड 47 7366 32 4 में गीले कचरे का होम कम्पोस्टिंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इंदौर, जेएनएन । थ्री आर माडल के तहत इंदौर नगर निगम ने रीड्यूज, रीयूज और रिसाइकल का उपयोग कर शहर में पांच जीरो वेस्ट वार्ड बनाए हैं। छह तरह का कचरा सिर्फ देश में सिर्फ इंदौर शहर में अलग किया जा रहा है। इंदौर में शुरुआत में गीले व सूखे करने को ही अलग किया जाता था। निगम द्वारा डोर टू डोर वाहनों के माध्यम से ही छह तरह का कचरा अलग किया जा रहा है।
इसके अलावा इंदौर नगर निगम ने सड़कों की सफाई के दौरान एकत्र होने वाले गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग किया। इसके लिए सफाईकर्मियों को नीले व हरे रंग की दो थैलियां भी दी गई। कोरोनाकाल के दौरान नगर निगम ने सफाई के लिए शहर की सड़कों पर गीले व सूखे कचरे के अलावा मास्क, पीपीई किट के लिए पीले रंग का तीसरा वेस्टबिन लगवाया ताकि इस तरह के कचरे को अलग से एकत्र किया जा सके।
निगम ने शहर में दो 4 आर गार्डन बनाए हैं। इनमें अनपुयोगी लकड़ी, टीन व टायर सहित अन्य चीजों का उपयोग कर कलाकृतियां बनाई गई है। इसके अलावा वार्ड 47, 73,66, 32, 4 में गीले कचरे का होम कम्पोस्टिंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वार्ड में सूखा कचरा एकत्र कर उसके रिसायकल कर कबाड़ियों को बेचा जाता है। पांच वार्डों में करीब 22 हजार रहवासी व व्यवसायिक घर व प्रतिष्ठान बने हुए हैं। यहां हर दिन जो 10 टन कचरा ट्रेचिंग ग्राउंड भेजा जाता था, उसे वार्ड में ही खत्म किया जा रहा है।
निगम इंदौर शहर के 35 से 40 चौराहों पर अनुपयोगी चीजों तैयार कलाकृतियों को प्रदर्शित करने की तैयारी में जुटा है। इसके अलावा निगम ने इंदौर शहर में 100 बेकलेन को साफ कर वहां सुंदरीकरण कार्य किया। पहले इन बेकलेन में कचरा, गंदगी व दुर्गंध रहती थी। बेकलेन में पेटिंग बनाई गई और अनुपयोगी चीजों से कलाकृतियां भी लोगों ने बनाई। अब कई बेकलेन में बच्चे शाम के समय खेलते भी हैं।
छह तरह का कचरा सिर्फ देश में सिर्फ इंदौर शहर में अलग किया जा रहा, इंदौर में शुरुआत में गीले व सूखे करने को ही अलग किया जाता था। निगम द्वारा डोर टू डोर वाहनों के माध्यम से ही छह तरह का कचरा अलग किया जा रहा है। वाहनों में गीले व सूखे कचरे के लिए बने स्थान के अलावा अन्य कचरे के लिए अलग से डिब्बे बनाए गए है। ऐसे में शहर में गीले-सूखे कचरे के अलावा प्लास्टिक, ई-वेस्ट, घरेलू खतरनाक वेस्ट जैसे बल्ब, ट्यूबलाइट व दवाओं के रैपर को अलग किया जाता है। इसके अलावा डायपर, सेनिटरी नेपकिन को भी अलग बक्से में एकत्र किया जाता है।