Move to Jagran APP

Khargone Violence: दंगाइयों ने लूटा था जिसके ब्याह का सामान, सरकार करेगी उसका कन्यादान

Madhya Pradesh मप्र में रामनवमी पर खरगोन में हुए उपद्रव के दौरान दंगाइयों ने संजय नगर स्थित मुछाल परिवार की जिस बिटिया लक्ष्मी के विवाह का सामान लूट लिया था शुक्रवार को उसका कन्यादान मध्य प्रदेश सरकार करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 09:57 PM (IST)
Khargone Violence: दंगाइयों ने लूटा था जिसके ब्याह का सामान, सरकार करेगी उसका कन्यादान
दंगाइयों ने लूटा था जिसके ब्याह का सामान, सरकार करेगी उसका कन्यादान। फोटो जागरण

खरगोन, विवेक पाराशर। मध्य प्रदेश में रामनवमी (10 अप्रैल) पर खरगोन में हुए उपद्रव के दौरान दंगाइयों ने संजय नगर स्थित मुछाल परिवार की जिस बिटिया लक्ष्मी के विवाह का सामान लूट लिया था, शुक्रवार को उसका कन्यादान मध्य प्रदेश सरकार करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर साढ़े तीन से शाम छह बजे खरगोन में रहेंगे। लक्ष्मी की विदाई का सारा सामान सरकार की ओर से दिया जाएगा और मुख्यमंत्री स्वयं बिटिया के मामा बनकर ब्याह में शामिल होंगे। उपद्रव के बाद जिस घर में मातम और दुख था, वहां आज मंगल गीत गूंज रहे हैं, पकवान बन रहे हैं और नाच-गाना हो रहा है। यह खुशी दंगाइयों के मुंह पर तमाचा है। जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने लक्ष्मी की शादी धूमधाम से करने का वादा किया था। शुक्रवार को वे इस वादे को पूरा भी करेंगे।

loksabha election banner

तब दुख में रोई थी, अब खुशी से झूमी

गुरुवार सुबह लक्ष्मी के विवाह की मंगल रस्मों में शीतला माता पूजन और शाम को गणेश पूजन हुआ। इस दौरान ढोल-ताशे बजने पर लक्ष्मी खुद को झूमने से रोक नहीं सकी और खुशी में डूबकर खूब नृत्य किया। वह इतना खुश हुई कि उसकी वे आंखें खुशी के मारे छलछला उठीं, जो दंगे के बाद दुख के मारे रोई थीं।

हल्दी लगने के एक दिन पहले हो गया था दंगा

11 अप्रैल को लक्ष्मी को हल्दी लगने वाली थी और 14 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद से दीपक संघवी बरात लेकर खरगोन आने वाले थे। एक दिन पहले 10 अप्रैल को दंगा हो गया और शादी टल गई। दंगाइयों ने तब लक्ष्मी के घर में घुसकर दहेज का सामान, खाने-पीने की चीजें सहित अन्य सामान लूट लिया था।

नईदुनिया बना सुख-दुख का साथी

दंगे के बाद विवाह टलने से मुछाल परिवार स्तब्ध और दुखी था। लक्ष्मी के माता-पिता का पूर्व में निधन हो जाने के कारण बड़े भाई सतीश ने पाला-पोसा है। सतीश वाहन चलाकर घर का खर्च उठाते हैं। करीब सवा लाख रुपये का सामान दंगाइयों द्वारा लूट लेने के बाद फिर से सामान खरीदना सतीश के लिए मुश्किल था। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने इस परिवार के दुख को समझा और बात प्रशासन व सरकार तक पहुंचाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.