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बताओ करीना कपूर के बेटे का नाम, मध्य प्रदेश के स्कूल की परीक्षा में पूछा गया जीके का अजब सवाल

मध्‍य प्रदेश के खंडवा में एक निजी स्‍कूल में छात्रों से सामान्‍य ज्ञान के पेपर में अजब सवाल पूछा गया- करीना कपूर खान और सैफ अली खान के बेटे का पूरा नाम लिखें। इस सवाल पर कुछ लोगों ने आपत्ति जतायी है जबकि स्‍कूल इस पर सफाई दे रहा है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 01:52 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 01:52 PM (IST)
बताओ करीना कपूर के बेटे का नाम, मध्य प्रदेश के स्कूल की परीक्षा में पूछा गया जीके का अजब सवाल
मध्य प्रदेश के स्कूल की परीक्षा में पूछा गया जीके का अजब सवाल

खंडवा, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के खंडवा में एक निजी स्कूल के कक्षा 6 के छात्रों से एक प्रश्न पत्र में बॉलीवुड जोड़ी करीना कपूर और सैफ अली खान के बेटे का पूरा नाम पूछा गया, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। हालांकि इस मामले में स्कूल अधिकारियों का कहना है कि इस सवाल को छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए।

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खंडवा शहर के एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल के कक्षा 6 के छात्रों के टर्म-एंड परीक्षा- II के सामान्य ज्ञान के पेपर में प्रश्‍न पूछा गया था - करीना कपूर खान और सैफ अली खान के बेटे का पूरा नाम लिखें। जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए इंटरनेट मीडिया प्‍लेटफार्म पर प्रश्‍न पत्र की प्रति साझा की है।

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी संजीव भालेराव ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और विभाग संबंधित स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। उन्होंने कहा, 'स्कूल से जवाब मिलने के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। भालेराव ने कहा कि छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे राष्ट्रहित में उनका ज्ञान बढ़े। माता-पिता-शिक्षक निकाय के एक पदाधिकारी अनीस अर्झारे ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि छात्रों से महान व्यक्तित्वों और छत्रपति शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई होल्कर जैसे देश के राष्ट्रीय नायकों से संबंधित प्रश्न पूछे जाने चाहिए। उन्होंने स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

स्कूल की निदेशक श्वेता जैन ने कहा कि प्रश्न पत्र दिल्ली स्थित एक संगठन द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, जिसके साथ स्कूल संबद्ध है। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे उसके स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता नहीं हैं, उन्होंने कहा, "अभी तक, स्कूल के किसी भी माता-पिता ने शिकायत नहीं की है।" जैन ने यह भी कहा कि सवाल को धर्म या सांप्रदायिकता से जोड़ना गलत था। "इसे ज्ञान बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए।"


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