मनमर्जी से कभी न धारण करें रत्न, इनके भी होते हैं साइड इफेक्ट
Gems Astrology मार्कंडेय धाम तिलवारा जबलपुर के विचित्र महाराज का कहना है कि कभी भी स्वेच्छा से रत्न धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप किसी परेशानी में पड़ सकते हैं दरअसल इन रत्नों के भी साइड इफेक्ट होते हैं।
जबलपुर, जेएनएन। बहुत से लोग स्वेच्छा से रत्न धारण करते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसका जीवन पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए रत्न हमेशा किसी ज्योतिषी की सलाह से ही धारण करना चाहिए। कई बार लोग किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना रत्न धारण कर लेते हैं। मार्कंडेय धाम तिलवाड़ा जबलपुर के विचित्र महाराज बताते हैं कि स्वेच्छा से रत्न धारण करने से कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्योतिष में विश्वास रखने वाले लोगों को ऐसी परेशानियों से बचना चाहिए।
विचित्र महाराज कहते हैं कि हमेशा एक ही ग्रह का रत्न धारण करना चाहिए। जो आपके लिए सकारात्मक है। नकारात्मक ग्रह के रत्न धारण करने से वे सकारात्मक नहीं बनते बल्कि नकारात्मकता और भी बढ़ जाती है। प्रत्येक रत्न के दुष्प्रभाव अलग-अलग दिखाई देते हैं।
माणिक रत्न- यदि सूर्य ग्रह का रत्न माणिक आपको कोई लाभ नहीं देगा तो इसके दुष्परिणामों से आपको सिरदर्द की समस्या होगी, साथ ही शरीर में पित्त का बढ़ना, शरीर में गर्मी, क्रोध में वृद्धि, पिता से मतभेद होगा।
मोती रत्न- चंद्रमा के रत्न मोती का अशुभ प्रभाव यह होता है कि जातक की माता या माता तुल्य स्त्री का स्वास्थ्य बिगड़ता है। फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है, नाक में साइनस की समस्या भी हो सकती है।
लाल मूंगा रत्न- मंगल का रत्न लाल मूंगा यदि आपको कोई लाभ नहीं देगा तो इसका दुष्परिणाम यह है कि आप छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ने लगेंगे। गुस्सा बहुत तेज आएगा, बिजली का झटका लग सकता है या शरीर में कहीं घाव हो सकता है, आग लगने से आप जल सकते हैं।
पन्ना - पन्ना बुध ग्रह का रत्न है यदि पन्ना धारण करने से आपको कोई लाभ नहीं होता है तो इसका दुष्प्रभाव यह होगा कि आपके पेट में परेशानी होगी। लीवर और त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा होंगी। पुत्र को भी कष्ट हो सकता है।