Madhya Pradesh: घटिया बीज से किसानों को मिलेगी निजात, क्यूआर कोड से जान सकेंगे बीज की कुंडली
Madhya Pradesh शिवराज सरकार नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इससे महंगा बीज खरीदने के बाद भी फसल खराब होने की समस्या से किसानों को जल्द ही निजात मिलेगी। अक्सर घटिया बीज की आपूर्ति की शिकायतें किसान करते हैं।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इससे महंगा बीज खरीदने के बाद भी फसल खराब होने की समस्या से किसानों को जल्द ही निजात मिलेगी। राज्य बीज विकास निगम से किसानों को जो बीज सहकारी समितियों, विक्रय केंद्र, विपणन संघ या सरकारी योजनाओं के माध्यम से दिया जाएगा, उसके बैग पर क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) अंकित होगा। क्यूआर कोड को चेको एप में स्कैन करने पर बीज की कुंडली खुल जाएगी। निगम ने चेको एप तैयार किया है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। राज्य में बीज निगम डेढ़ लाख क्विंटल से अधिक चना, गेहूं, सरसों, सोयाबीन, मसूर, अलसी, अरहर आदि के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराता है। अक्सर घटिया बीज की आपूर्ति की शिकायतें किसान करते हैं। सहकारी समितियों को बीज निगम द्वारा बीज की आपूर्ति बतौर सामग्री ऋण उपलब्ध कराई जाती है।
इसलिए बनाई नई व्यवस्था
बीज की गुणवत्ता को लेकर उठने वाले प्रश्नों से निगम की साख भी प्रभावित होती है और किसानों को नुकसान भी होता है। इसे देखते हुए सरकार ने तय किया कि बीजों की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। निगम किसानों से बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत दिए गए बीज को वापस लेकर किसानों में ही विक्रय करता है। संचालक कृषि और निगम की प्रबंध संचालक प्रीति मैथिल का कहना है कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं। इसके तहत बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था बनाई है। हम जो बीज किसान को देते हैं, वो पूरी तरह से प्रमाणित हैं, इसकी जानकारी किसान स्वयं ले सकेगा। इसके लिए एक क्यूआर कोड होगा, जिसके माध्यम से किसान यह पता लगा सकेगा कि जो बीज उसने लिया है, उसे किस किसान ने उत्पादित किया है। उसकी गुणवत्ता कैसी है और वो बीज प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित है या नहीं।