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MP News: फर्जी फैसला कांड का आरोपित संतोष वर्मा जेल से आज आ सकता है बाहर

10 जुलाई 2021 को पुलिस ने वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था।इसके बाद से वह जेल में है।हाल ही में वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी हुआ।वकील के मुताबिक इस मामले में गठित एसआइटी छह महीने बाद भी अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर सकी।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 03:33 PM (IST)
MP News: फर्जी फैसला कांड का आरोपित संतोष वर्मा जेल से आज आ सकता है बाहर
फर्जी फैसला कांड का आरोपित संतोष वर्मा जेल से आज आ सकता है बाहर

इंदौर जेएनएन । सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को फर्जी फैसला कांड के आरोपी को जमानत याचिका स्वीकारते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।लेकिन आदेश की प्रति नहीं मिलने की वजह से 25 जनवरी को जिला कोर्ट में वर्मा की जमानत प्रस्तुत नहीं हो सकी। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश होने से न्यायालयों में अवकाश था इसलिए फर्जी फैसला कांड का आरोपित संतोष वर्मा आज जेल से बाहर आ सकता है।

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मालूम हो कि 10 जुलाई 2021 को पुलिस ने वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से वह जेल में है। हाल ही में वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी हुआ है। वर्मा के वकील एडवोकेट राम बजाड़ गुर्जर के मुताबिक इस मामले में गठित एसआइटी छह महीने बाद भी अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर सकी। इसी आधार पर कोर्ट ने वर्मा की जमानत याचिका स्वीकारी है। फर्जी आदेश पर जिस कोर्ट की मुहर लगी थी उसी कोर्ट के न्यायाधीश ने इस संबंध में एमजी रोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। 

जानकारी के अनुसार वर्मा के वकील राम बजाड़ गुर्जर ने बताया कि वे गुरुवार सुबह जमानत प्रस्तुत कर देंगे। उम्मीद है कि गुरुवार शाम तक कोर्ट वर्मा का रिलीज आर्डर जारी कर देगा और देर शाम तक वह जेल से बाहर आ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को फर्जी फैसला कांड के आरोपी को जमानत याचिका स्वीकारते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। लेकिन आदेश की प्रति नहीं मिलने की वजह से 25 जनवरी को जिला कोर्ट में वर्मा की जमानत प्रस्तुत नहीं हो सकी। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश होने से न्यायालयों में अवकाश था इसलिए फर्जी फैसला कांड का आरोपित संतोष वर्मा आज जेल से बाहर आ सकता है। गौरतलब है कि वर्मा पर आरोप है कि उसने अपने खिलाफ जिला कोर्ट में चल रहे एक मामले में कोर्ट का फर्जी फैसला तैयार करवाकर उसे सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत किया ताकि उसे आइएएस अवार्ड मिल सके। इस फैसले के आधार पर वर्मा ने आइएएस अवार्ड हासिल भी कर लिया।


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