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Madhya Pradesh: दिग्विजय सिंह बोले, मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द नहीं बोला

Madhya Pradesh दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने संघ प्रायोजित आतंकवाद कहा है। मैं न कभी हिंदू विरोधी था न कभी हिंदू विरोधी रहूंगा। हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों ने एक दूसरे के धार्मिक स्थल तोड़े हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 06:20 PM (IST)
Madhya Pradesh: दिग्विजय सिंह बोले, मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द नहीं बोला
दिग्विजय सिंह बोले, मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने संघ प्रायोजित आतंकवाद कहा है। मैं न कभी हिंदू विरोधी था न कभी हिंदू विरोधी रहूंगा। हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों ने एक दूसरे के धार्मिक स्थल तोड़े हैं। बुधवार को मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि हिंदुत्व शब्द किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता है। सावरकर ने हिंदुत्व शब्द अपने इस्तेमाल के लिए गढ़ा है। हिंदुत्व शब्द से हिंदुओं का कोई लेना-देना नहीं है। धर्म का उपयोग राजनीति के लिए किया जाए, हम उसके खिलाफ हैं। मैं धार्मिक प्रवृत्ति के विचारों वाले परिवार से हूं। पिताजी महात्मा गांधी से प्रभावित थे। मेरी मां धार्मिक प्रवृत्ति वाली थीं। राजमाता विजयराजे सिंधिया ने मुझसे कहा था कि जनसंघ में आ जाओ। उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते रहते हैं।

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दिग्विजय ने दीमक से की संघ की तुलना

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना दीमक से कर दी थी। उन्होंने कहा कि संघ कोई पंजीकृत संस्था नहीं है और न ही यह कोई सदस्य बनाता है। इनका कोई व्यक्ति अपराध में भी पकड़ा जाता है तो आप साबित नहीं कर पाते। नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे ने भी स्वीकारा था कि दोनों भाई संघ के लिए काम करते थे। संघ ऊपर-ऊपर अलग दिखाई देता है, लेकिन नीचे दीमक की तरह काम करता है। आप ऐसे संगठन से लड़ रहे हैं, जो ऊपर से नहीं दिखता। युवा कांग्रेस की इंदौर (मध्य प्रदेश) इकाई द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 'सिंहनाद' के उद्घाटन सत्र में दिग्विजय सिंह मुख्य वक्ता थे। उन्होंने आरएसएस की तुलना दीमक से करने के बाद यह भी कहा कि यह बोलकर मैं सबसे ज्यादा गाली भी खाने वाला हूं। मुझ पर मानहानि के पांच मुकदमे दर्ज हैं। तीन आरएसएस ने किए हैं, एक ओवैसी और एक रामदेव ने दर्ज करवाया है। सिंह ने कहा कि पहले डराया जाता है कि आपको खतरा है, फिर बताते हैं कि वे ही बचा सकते हैं। मुगलों से लेकर अंग्रेजी राज तक का उदाहरण देते हुए सिंह ने कहा कि न कभी हिंदू धर्म को खतरा था, न कभी रहा है। राष्ट्रपति से लेकर नीचे के पद पर हिंदू हैं तो हिंदू धर्म को खतरा कैसे हो सकता है? डर दिखाकर ये फासीवादी विचारधारा को आगे ले जाते हैं और राजनीतिक पद हासिल कर लाभ लेते हैं। उधर, मंच से उतरने के बाद सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में अपने वक्तव्य को महज एक तुलना और उदाहरण करार दिया।


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