Madhya Pradesh News: ... यहां के कालेजों में शुरू कराए जाएंगे वास्तु ज्योतिष और धर्म-कर्म से संबंधित कोर्स
जीवाजी यूनिवर्सिटी में योग विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ध्यान भी कराया जाएगा। इसको लेकर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा। इस कोर्स को करने से छात्रों को यह जानकारी मिलेगी कि कौन सा योग किस बीमारी के निदान में काम आता है।
ग्वालियर, जेएनएन । पश्चिमी देश भी भारतीय सनातन ज्ञान को स्वीकार रहे हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित कोर्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही भारतीय शिक्षण प्रणाली, भारतीय दर्शन कोर्स भी शामिल किए जाएंगे। कालेजों में शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र में भारतीय ज्ञान, धर्म और विभिन्न पद्धतियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
विशेषज्ञों के मुताबिक सनातन धर्म से जुड़े ज्ञान को भले ही कुछ समय के लिए महत्व नहीं दिया गया हो, लेकिन अब इसकी उपयोगिता लोगों की समझ में आ रही है। इसी कारण के चलते कालेजों में शार्ट टर्म कोर्स तैयार कराए जा रहे हैं।
मालूम हो कि नए शिक्षा सत्र के लिए कई संस्थानों ने अभी से कोर्स डिजाइन करना शुरू कर दिए हैं। इनमें विभिन्न तरह के ज्योतिष और ध्यान से संबंधित कोर्स सहित जैन धर्म और दर्शन के कोर्स भी शामिल हैं। वर्तमान में विभिन्न तकनीकी कोर्सों के साथ ऐसे कोर्स की महत्ता भी बढ़ी है, जो भारतीय परंपरा से जुड़े हुए हैं।
जानकारी के अनुसार जीवाजी यूनिवर्सिटी में योग विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ध्यान भी कराया जाएगा। इसको लेकर यूनिवर्सिटी में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा। इस कोर्स को करने से छात्रों को यह जानकारी मिलेगी कि कौन सा योग किस बीमारी के निदान में काम आता है। कोरोना महामारी के दौरान भी संक्रमित लोग योग के माध्यम से ठीक हुए हैं और भारतीय योगा को विश्व स्तर पर पहचान मिल चुकी है। ऐसे में इन कोर्सों से छात्रों को भी फायदा होगा और वे इस क्षेत्र में अपना कैरियर भी बना सकेंगे। गाैरतलब है कि हाल ही में मिले नए निर्देशाें के अनुसार कालेज अब अपने स्तर पर भी नए पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं।वर्तमान में निर्माण कार्यों में वास्तु को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसी को देखते हुए जीवाजी यूनिवर्सिटी में वास्तु ज्योतिष डिप्लोमा कोर्स भी शुरू होगा। 12वीं पास छात्र इस कोर्स में शामिल हो सकेंगे।