Move to Jagran APP

बिना परामर्श लीं कोरोना की दवाएं, अब इन बीमारियों का करवाना पड़ रहा है इलाज

Side Effects of Coronavirus Medicine कोरोना का संदेह होने पर लोग बिना किसी डाक्‍टरी सलाह के दवाओं का सेवन कर रहे हैं। जिसके साइड इफेक्‍ट के तौर पर उन्‍हें कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानी हो रही है। ऐसे में परेशान ये लोग अब डाक्‍टरी सलाह ले रहे हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 01:20 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 02:21 PM (IST)
बिना परामर्श लीं कोरोना की दवाएं, अब इन बीमारियों का करवाना पड़ रहा है इलाज
कोरोना के संदेह में खुद ही डाक्टर बनकर अ

ग्‍वालियर, जेएनएन। कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने या कोरोना संदिग्ध होने पर खुद को डाक्टर मानकर इलाज कराने वाले लोगों को बिना परामर्श के दवा लेने में परेशानी हो रही है। कोविड की पहली और दूसरी लहर में प्रचलित एंटीबायोटिक्स का आज भी बिना सलाह के सेवन किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर आना, सिरदर्द, गैस, उल्टी जैसे साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे मरीज अब डाक्टरों से संपर्क कर इन बीमारियों का इलाज करवा रहे हैं।

loksabha election banner

कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान अधिकांश एंटीबायोटिक टैबलेट, पैरासिटामोल, विटामिन सी जैसी दवाएं सबसे अधिक प्रचलन में थीं। पहली और दूसरी लहर में हल्के लक्षण वाले मरीजों को वही दवाएं दी गईं। इससे ये दवाएं लोगों के जेहन में बैठ गई हैं। लोगों ने इन दवाओं को अपनी प्राथमिक चिकित्सा किट का हिस्सा बना लिया है और इन दवाओं को ज्यादातर घरों में रख दिया गया है।

अब तीसरी लहर में भी सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर लोग कोरोना के संदेह में डाक्टर की सलाह लिए बिना ही ये दवाएं ले रहे हैं। इसके अलावा जो लोग पॉजिटिव आ रहे हैं, वे भी तुरंत इन दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए आईसीएमआर की मौजूदा गाइडलाइन तीन से पांच दिन तक दवा लेने की है, लेकिन पॉजिटिव और संदिग्ध मरीज एक हफ्ते से लेकर 10 दिन तक दवा ले रहे हैं। इससे इन दवाओं के साइड इफेक्ट की समस्या सामने आ रही है। मरीज अब इन दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए जयरोग्य अस्पताल के डॉक्टरों और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के विशेषज्ञों से परामर्श मांग रहे हैं।

एंटी एलर्जिक दवाएं ज्यादा असरदार

कोरोना की तीसरी लहर में मरीज एंटीबायोटिक्स की जगह एंटी-एलर्जी दवाएं लेकर ठीक हो रहे हैं। यही कारण है कि अब कोरोना की मानक किट से एंटीबायोटिक हटा दी गई है और इसकी जगह एंटी-एलर्जी दवा जोड़ी गई है। इसके अलावा बुखार के लिए मल्टी विटामिन और पैरासिटामोल लेने की सलाह दी जा रही है। 

साइड इफेक्ट की आ रही हैं शिकायतें

केस 1: ग्वालियर में रहने वाली 45 वर्षीय महिला के पति की कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई। लक्षणों को देखते हुए डाक्‍टर ने पति को एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड लेने की सलाह दी। एक-दो दिन बाद महिला को सर्दी-खांसी भी हो गई, इसलिए उसने भी वही दवाएं लीं। स्टेरॉयड के सेवन करने से महिला को ब्लड प्रेशर और उल्टी की समस्या होने लगी।

केस 2 : कोविड पॉजिटिव आया 35 साल का एक मरीज कोरोना की प्रचलित एंटीबायोटिक्स खुद ही लेने लगा। इस दवा को एक हफ्ते तक लेने के बाद पेट खराब, गैस और उल्टी की समस्या होने लगी। इस पर मरीज ने जेएएच के डाक्टरों से सलाह ली तो उन्होंने तुरंत एंटीबायोटिक दवा बंद करने को कहा।

डाक्‍टरों का कहना है कि कोरोना के शक में मरीज खुद दवा लेने लगते हैं। हमारे पास ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें भारी एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड लेने के कारण मरीज उच्च रक्तचाप, उल्टी, चक्कर आना जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। हम ऐसे मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि बिना डाक्टर की सलाह के दवा न लें और लक्षण दिखने पर कोविड टेस्ट कराएं।

विशेषज्ञ से लें सलाह

हमें कुछ रोगियों के फोन आए हैं जिन्होंने बिना उनसे सलाह लिए दवा ली है और उनके दुष्प्रभाव हैं। हम ऐसे मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि वे वही दवाएं लें जो उन्हें कोरोना किट में दी जा रही हैं। अन्य कोई समस्या होने पर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.