व्यापमं को संवैधानिक मान्यता देने में सबसे बड़ी चूक: कैग
व्यापमं घोटाले पर कैग ने कहा है कि व्यापमं को संवैधानिक मान्यता देने में आठ साल की देरी ही मप्र सरकार की सबसे बड़ी चूक थी।
भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। व्यापमं घोटाले पर कैग ने अपनी विस्तृृत रिपोर्ट में कहा है कि व्यापमं को संवैधानिक मान्यता देने में आठ साल की देरी करना ही मप्र सरकार की सबसे बड़ी चूक थी। कैग ने कहा कि 2007 में व्यावसायिक परीक्षा मंडल अधिनियम लागू हो जाना था, जो 2016 में लागू हो पाया। कैग ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं के लिए व्यापमं को संवैधानिक मान्यता देने का कानून भी उसे निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं बना पाया।
भाजपा ने कैग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाया
इधर, विधानसभा में रिपोर्ट पेश होने के बाद कैग द्वारा व्यापमं की ऑडिट रिपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि कैग द्वारा प्रेस वार्ता कर सनसनी फैलाना लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा के खिलाफ है। कैग की आपत्ति अंतिम नहीं होती है। प्रेस विज्ञप्ति में अन्य महत्वपूर्ण विभाग को छा़ेडकर व्यापमं को मुख्य पेज पर लेना कैग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह ख़डे करता है। कैग ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए व्यापमं को निशाना बनाया है।
किसी भी जांच के लिए तैयार पटेरिया
2002 में तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे राजा पटेरिया ने व्यापमं में डायरेक्टर पद पर डॉ. योगेश उपरीत की नियम विरूद्घ नियुक्ति पर कहा कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उपरीत की नियुक्ति के बारे में मुझे ज्यादा याद नहीं है, लेकिन जो भी ग़डबडिय़ां हुईं, वह सब भाजपा की सरकार में हुईं। सरकार चाहे तो उच्च स्तरीय जांच करवा ले।
व्यापमं घोटाले पर कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
कैग की रिपोर्ट में व्यापमं घोटाले को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि वे सीएम शिवराज के रहते व्यापमं घोटाला होने पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चौहान के इस्तीफे की मांग करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि देश ही नहीं विश्व पटल पर व्यापमं, पोषण आहार और मनरेगा में भी अरबों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। यादव ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट पर यूपीए सरकार के कार्यकाल में विपक्ष संसद की कार्यवाही ठप कर देता था, आज क्यों चुप्पी साधे हैं?